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अब केंद्रीय जांच टीम करेगी आर्यन मामले की जांच, जोनल डायरेक्टर वानखेड़े भी बने रहेंगे टीम में

अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े ड्रग्स केस की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े नहीं करेंगे। अब इस मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की टीम करेगी। मुंबई क्रूज ड्रग्स केस समेत छह अन्य मामलों की जांच दिल्ली एनसीबी की टीम करेगी।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 07:46 PM (IST)Updated: Sat, 06 Nov 2021 07:04 AM (IST)
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ।

मुंबई, राज्य ब्यूरो। बहुचर्चित आर्यन खान ड्रग मामले की जांच अब नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई टीम के बजाय केंद्रीय टीम करेगी। केंद्रीय टीम का नेतृत्व एनसीबी के अधिकारी संजय सिंह करेंगे। अब तक यह जांच एनसीबी मुंबई के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े कर रहे थे। हालांकि, वानखेड़े समेत उनकी जांच टीम के सभी अधिकारी अब भी इन मामलों से जुड़े रहेंगे, लेकिन अब वे आईपीएस संजय सिंह के निर्देशों का पालन करेंगे।

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बता दें कि समीर वानखेड़े के नेतृत्व में ही पिछले महीने दो अक्तूबर को मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज कार्डेलिया पर छापा मार कर अभिनेता शाह रुख खान के पुत्र आर्यन सहित कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद आर्यन खान को 28 दिन सलाखों के पीछे रहना पड़ा था। लेकिन आर्यन की गिरफ्तारी के बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक समीर वानखेड़े पर लगातार आरोप लगाते आ रहे हैं। उन्होंने वानखेड़े पर आर्यन मामले में फर्जी स्वतंत्र गवाह खड़े करने से लेकर वसूली में शामिल होने एवं गलत जाति प्रमाणपत्र देकर सरकारी नौकरी हासिल करने तक के आरोप लगाए हैं।

वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप लगने के बाद एनसीबी की विजिलेंस टीम ने समीर वानखेड़े की जांच शुरू कर दी है। इस जांच का नेतृत्व एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह कर रहे हैं। इस बीच खुद समीर वानखेड़े ने मुंबई उच्चन्यायालय में याचिका दायर कर आर्यन मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की अपील की थी। आज एनसीबी द्वारा आर्यन मामले सहित कुल पांच मामलों की जांच केंद्रीय टीम से करवाने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद वानखेड़े ने स्पष्ट किया है कि मुंबई एनसीबी में उनकी जिम्मेदारियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। वह एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर बने रहेंगे।

नवाब मलिक के दामाद से जुड़े मामले की भी नहीं करेंगे जांच

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े के नेतृत्व में मुंबई एनसीबी की टीम भी महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान के खिलाफ मामले की जांच नहीं करेगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से मलिक ने वानखेड़े को निशाने पर लिया हुआ  है। मामले पर टिप्पणी करते हुए मलिक ने कहा कि यह अभी शुरुआत है।

मलिक ने कहा- यह अभी शुरुआत है

दूसरी ओर नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा है कि यह तो अभी शुरुआत है। पूरा सिस्टम साफ करना जरूरी है। अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। मलिक के अनुसार अभी सिर्फ 5 मामलों की जांच केंद्रीय टीम को हस्तांतरित हुई है। ऐसे कुल 26 मामले हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।

एनसीबी के सामने हाजिर हुए आर्यन खान

आर्यन खान शुक्रवार को दक्षिण मुंबई स्थित नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के कार्यालय में हाजिरी लगाने पहुंचे। मुंबई उच्चन्यायालय की शर्तों के अनुसार उन्हें हर शुक्रवार को दोपहर में 11 बजे से दो बजे के बीच एनसीबी कार्यालय में हाजिरी लगानी है। क्रूज ड्रग मामले में दो अक्तूबर को एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए आर्यन खान को पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही उच्चन्यायालय ने सशर्त जमानत दी थी। जमानत के लिए उच्चन्यायालय द्वारा लगाई गई 14 शर्तों में से एक शर्त साप्ताहिक हाजिरी की भी है। इसके अनुसार ही आर्यन आज दोपहर एनसीबी कार्यालय पहुंचे।

शर्तों के साथ मिली है जमानत

उच्चन्यायालय की अन्य प्रमुख शर्तों के अनुसार आर्यन पुलिस को बताए बिना मुंबई नहीं छोड़ सकेंगे। जिन गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया, वैसी गतिविधियों में वह दुबारा शामिल नहीं होंगे। इस मामले में अपने सहआरोपितों से बातचीत नहीं करेंगे। सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेंगे, तथा अपने केस के संबंध में मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे। इन शर्तों का पालन न करने पर एनसीबी उच्चन्यायालय से उनकी जमानत रद्द करने का अनुरोध कर सकती है।

भाजपा विधायक ने नवाब मलिक पर साधा निशाना

जबकि मुंबई के भाजपा विधायक राम कदम ने नवाब मलिक पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाराष्ट्र के मंत्री ने समीर वानखेड़े के खिलाफ 24 संवाददाता सम्मेलन कर यह साबित कर दिया है कि वह ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई लड़नेवालों के खिलाफ हैं। राम कदम के अनुसार ऐसा अक्सर होता है, जब जांच के दौरान किसी अधिकारी पर उंगली उठने पर उस मामले की जांच किसी नए अधिकारी को दे दी जाती है।


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