तेंदुलकर को राज्यसभा में पूछे अपने दूसरे सवाल का मिला जवाब
अपने शानदार क्रिकेट करियर के दौरान धुआंधार बल्लेबाजी के लिए मशहूर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सियासी पारी बेहद संभल कर खेल रहे हैं। शायद यही कारण है कि संसद सदस्य के रूप में अपने तीन वर्ष से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने राज्यसभा में सिर्फ दो ही सवाल पूछे। उनके
नई दिल्ली। अपने शानदार क्रिकेट करियर के दौरान धुआंधार बल्लेबाजी के लिए मशहूर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सियासी पारी बेहद संभल कर खेल रहे हैं। शायद यही कारण है कि संसद सदस्य के रूप में अपने तीन वर्ष से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने राज्यसभा में सिर्फ दो ही सवाल पूछे। उनके दूसरे सवाल का जवाब सरकार ने सोमवार को दे दिया।
सचिन ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने संबंधी नियमों में बदलाव के बारे में सरकार से जवाब मांगा था। इसका सड़क परिवहन राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को लिखित जवाब दिया।
मास्टर ब्लास्टर ने पूछा था कि क्या प्रस्तावित नए मोटर वाहन अधिनियम में सरकार ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने जा रही है? सचिन के अनुसार इसमें क्या फर्जी लाइसेंस बनना रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था की जा रही है? क्या ड्राइविंग लाइसेंस आवेदनकर्ता के परीक्षण और प्रशिक्षण के लिए कड़े दिशा-निर्देश लागू करना प्रस्तावित किए जा रहे हैं?
उन्होंने आगे पूछा कि प्रस्तावित कानून के तहत पैदल यात्रियों, ड्राइवरों, विकलांगों की सुरक्षा के लिए कौन से कदम उठाना प्रस्तावित किया गया है? रोड रेज की घटनाओं से निपटने के लिए प्रस्तावित कानून में क्या उपाय किए जा रहे हैं?
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अपने जवाब में राधाकृष्णन ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम 1988 को बदलने जा रही है। वह इसके स्थान पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल-2015 पेश करने जा रही है। इस विधेयक के तहत एकीकृत ड्राइविंग लाइसेंसिंग सिस्टम का प्रावधान होगा। इसके जरिये आवेदन प्रक्रिया सरल और ड्राइवर लाइसेंसिंग सिस्टम को आसान किया जाना प्रस्तावित है।
ड्राइविंग परीक्षण विधि को तकनीक से लैस किया जाएगा। फर्जी लाइसेंस की समस्या से निपटने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें पैदल यात्रियों से लेकर ड्राइवरों का हित सुरक्षित करने का पुख्ता इंतजाम किया गया है।