सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले पर अब संविधान पीठ करेगी विचार
केरल के सबरीमाला मंदिर मे 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। अब यह मामला पांच जजों की एक संविधान पीठ देखेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले पर अब पांच जजों की एक संविधान पीठ विचार करेगी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने आज इस संबंध में फैसला सुनाते हुए संविधान पीठ के पांच जजों को यह मामला भेज दिया।
#FLASH Sabarimala Temple Case- Supreme Court refers the matter to a Constitution bench.
— ANI (@ANI) October 13, 2017
गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर मे 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि संविधान में इस तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं है।
संविधान पीठ धार्मिक संस्था के धर्म के मौलिक अधिकार और एक व्यक्ति के बराबरी व धार्मिक आजादी के मौलिक अधिकार पर विचार करेगी।
इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर मे महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लिंग आधारित भेदभाव बताया है। याचिका मे सभी उम्र की महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के मंदिर में प्रवेश का हक दिए जाने की मांग की गई है।
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