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Indian Cyclist: साइकिलिंग में भारत का दुनिया में परचम लगा रहे हैं राइडर रोनाल्डो सिंह

हाल ही में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी साइकिलिंग वेलोड्रेम में आयोजित एशियन साइकिलिंग चैंपियनशिप की स्प्रिंट स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीतकर भारत के 20 वर्षीय रोनाल्डो सिंह लैंटाजामी ने इतिहास रच दिया। वह इस स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय साइकिलिस्ट बने...!

By TilakrajEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 08:18 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:18 AM (IST)
Indian Cyclist: साइकिलिंग में भारत का दुनिया में परचम लगा रहे हैं राइडर रोनाल्डो सिंह
7 पदक अब तक रोनाल्डो सिंह एशियन सर्किट में जीत चुके हैं

नई दिल्‍ली, जेएनएन। मणिपुर में फुटबाल काफी लोकप्रिय है और यहां हर नौजवान इस खेल को बचपन से ही खेलता है।...और जब आपका नाम ही रोनाल्डो हो तो फिर सभी आपके अंदर एक फुटबालर देखने लगते हैं। भारत के युवा स्टार साइकिलिस्ट रोनाल्डो सिंह लैंटोजामी के साथ भी कुछ ऐसा ही था। उनके पिता रोबेन सिंह लैंटोजामी भी फुटबाल को काफी पसंद करते थे और इस खेल के जबरदस्त प्रशंसक थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा फुटबालर बने लेकिन रोनाल्डो ने सिर्फ अपने दिल की सुनी और फुटबाल के बजाय साइकिल रेसर बनने की ठानी। अच्छी बात यह रही कि रोनाल्डो के परिवार ने अपने बेटे के फैसले का सम्मान किया और उसे पूरा समर्थन दिया।

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परिवार से मिले इस समर्थन और साथ से रोनाल्डो ने जल्द ही साइकिलिंग में अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया। जून 2016 में रोनाल्डो को स्पोट्र्स अथारिटी आफ इंडिया (साइ) ने चयनित किया। यहां साइ के बेहतरीन कोचों की देखरेख में रोनाल्डो ने अपनी प्रतिभा को और निखारा। साल 2018 में रोनाल्डो को अपनी मेहनत का इनाम मिला और उन्हें पहली बार भारतीय टीम में सिलेक्ट किया गया। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी।

एक साल बाद बने जूनियर विश्व चैंपियन

भारतीय टीम में जगह बनाने के सिर्फ एक साल बाद ही 6.1 फुट लंबे रोनाल्डो ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक बिखेरनी शुरू कर दी। साल 2019 में जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में आयोजित जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रोनाल्डो और उनके साथियों ने टीम स्प्रिंट इवेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस तरह से रोनाल्डो जूनियर विश्व चैंपियन बने।

वर्ल्‍ड रिकार्ड के साथ एशियन चैंपियन का खिताब

जूनियर विश्व चैंपियन बनने के बाद रोनाल्डो सिंह ने 2019 एशिया कप ट्रैक चैंपियनशिप में वर्ल्‍ड रिकार्ड बनाकर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। उन्होंने 200 मीटर टाइम ट्रायल स्प्रिंट के क्वालीफाइंग राउंड में 10.065 सेकेंड का समय निकाला और नया वर्ल्‍ड रिकार्ड कायम किया।

काश, स्वर्ण पदक जीतकर जन्मदिन को और यादगार बना पाता : रोनाल्डो

एशियाई ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप में रोनाल्डो सिंह ने बुधवार (22 जून) को अपने 20वें जन्मदिन पर रजत पदक जीता। लेकिन वह थोड़े अंतर से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए। उन्होंने कहा, मेरे दिमाग में स्वर्ण पदक जीतना चल रहा था लेकिन मैं इससे भी काफी खुश हूं। यह मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मैं हर टूर्नामेंट के साथ अपनी तकनीक और अपने प्रदर्शन में सुधार कर रहा हूं। इस स्पर्धा में रोनाल्डो ने स्वर्ण पदक जीतने वाले जापान के अनुभवी राइडर केंटो यामासाकी को जबरदस्त टक्कर दी थी।

एक चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय राइडर बनें

व्यक्तिगत तौर पर रोनाल्डो सिंह के लिए यह चैंपियनशिप बेहद ही शानदार रही और उन्होंने कुल तीन पदक जीते। रोनाल्डो ने स्प्रिंट इवेंट में रजत पदक जीतने से पहले एक किलोमीटर टाइम ट्रायल स्पर्धा और टीम स्प्रिंट स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। इस तरह से वह एक चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय राइडर बन गए हैं।

दिवंगत पिता को समर्पित करते हैं हर उपलब्धि

रोनाल्डो अपने दिवंगत पिता को अपना आदर्श मानते हैं, जिनका 2017 में देहांत हो गया था। उन्होंने कहा, मेरे पिता आज भी मेरे लिए सबसे बड़े आदर्श हैं क्योंकि मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। उन्होंने मुझे एक एथलीट बनाने में काफी मेहनत की थी और उन्हीं की बदौलत में अंतरराष्ट्रीय मेडलिस्ट बन सका। वह भले ही आज जीवित नहीं हैं लेकिन मैं जब भी किसी टूर्नामेंट में उतरता हूं तो मेरी कोशिश अच्छा प्रदर्शन कर उन्हें गौरवांनवित करने की होती है।

इस मैच के बाद पिता ने रखा रोनाल्डो नाम

21 जुलाई 2002 के दोपहर की बात थी। सीआरपीएफ के जवान रोबेन सिंह लैंटोंजामी श्रीनगर में तैनात थे और फीफा फुटबाल वर्ल्‍ड कप में ब्राजील और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे मुकाबले को अपने साथियों के साथ देख रहे थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि श्रीनगर से 2100 किलोमीटर दूर इम्फाल में उनकी पत्नी पहले बच्चे को जन्म देने जा रही हैं। मैच के 50वें मिनट तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर था। तभी ब्राजील को फ्री किक मिली। रोबेन ने अपने साथी जवान से शर्त लगाई कि ब्राजील के स्टार फुटबॉलर रोनाल्डिनहो इसे गोलपोस्ट में पहुंचा देंगे। हुआ भी कुछ यूंही और रोनाल्डिन्हो ने गोल करके ब्राजील को न सिर्फ 2-1 से आगे कर दिया बल्कि टीम को जीत भी दिला दी। इस मैच के खत्म होने के एक दिन बाद रोबेन एक बेटे के पिता बने, जिसका नाम उन्होंने रोनाल्डो रखा।


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