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चीन से जारी तनाव के बीच बोला रूस, भारत को जल्‍द देंगे एस-400 मिसाइलें, आपूर्ति के लिए कर रहे कड़ी मेहनत

रूस ने कहा है कि वह भारत को जल्‍द एस-400 मिसाइलें देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। यही नहीं दोनों देश अरबों डॉलर के उस सौदे के बेहद करीब हैं जिसके तहत भारत-रूस संयुक्त उपक्रम के तहत भारतीय सेनाओं को 200 कामोव केए-226टी युद्धक हेलीकॉप्टरों दिए जाने हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:12 PM (IST)
चीन से जारी तनाव के बीच बोला रूस, भारत को जल्‍द देंगे एस-400 मिसाइलें, आपूर्ति के लिए कर रहे कड़ी मेहनत
रूस ने कहा है कि वह भारत को जल्‍द एस-400 मिसाइलें देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन से जारी तनाव के बीच रूस ने भरोसा दिया है कि वह भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें की आपूर्ति के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बबुशिकन ने कहा कि दोनों पक्ष अरबों डॉलर के उस सौदे के बेहद करीब हैं जिसके तहत भारत-रूस संयुक्त उपक्रम भारतीय सेनाओं के लिए 200 कामोव केए-226टी युद्धक हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मिसाइल सिस्‍टम की पहली खेप की आपूर्ति अगले साल के अंत तक होनी है। 

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रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बबुशिकन ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों ही मुल्‍क लॉजिस्टिक सपोर्ट समझौते पर काम कर रहे हैं। जहां तक रूस-​​भारत के रक्षा सहयोग का सवाल है तो यह किसी भी विदेशी हस्तक्षेप से परे है। यह दोनों देशों के राष्ट्रीय हितों से जुड़ा मामला है। भारत और रूस अपने संबंधों में प्रगति के लिए आत्मविश्वास की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एस-400 की आपूर्ति की डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पहली खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक होने की उम्मीद है जिसके लिए कड़ी मेहनत की जा रही है। 

सनद रहे कि भारत ने ट्रंप प्रशासन की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए अक्टूबर 2018 में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्‍टम की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का समझौता किया था। अब रूस ने साफ कर दिया है कि वह एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्‍टम की आपूर्ति में किसी भी बाहरी दबाव को आने नहीं देगा। रोमन बबुशिकन ने यह भी कहा कि भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत सात लाख एके-47 203 राइफलों के निर्माण के लिए समझौता भी अंतिम चरण में हैं। 

बबुशिकन से यह भी पूछा गया कि क्या भारत और अमेरिका के बीच बेका समझौते का भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा रूसी मूल के प्लेटफार्मों के संचालन में सुरक्षा संबंधी कोई प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इस सवाल का जवाब टाल दिया। हालांकि उन्होंने दोहराया कि भारत और रूस के रक्षा संबंध किसी भी विदेशी हस्तक्षेप से परे हैं। मालूम हो कि भारत और रूस ने अक्टूबर 2016 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और दो रूसी रक्षा कंपनियों के बीच संयुक्त उपक्रम के लिए एक व्यापक समझौते को अंतिम रूप दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी के तहत भारतीय सशस्त्र बलों के लिए 200 कामोव केए-226टी हेलिकॉप्टर तैयार होंगे। 


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