रूस ने कहा, निर्धारित शेड्यूल के अनुसार हो रही S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी; यूक्रेन संघर्ष का नहीं है असर
रूसी राजदूत ने एससीओ बैठक को लेकर कहा कि इस दौरान ऊर्जा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की गई। यह हमारी निरंतर चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में आपूर्ति कम हुई है लेकिन हम लंबी अवधि की आपूर्ति के बारे में बात कर रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी को लेकर रूस का बड़ा बयान सामने आया है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ( Denis Alipov) ने कहा कि S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी अपने निर्धारित शेड्यूल के अनुसार हो रही है। दोनों देशों (भारत-रूस) के रक्षा संबंधी मुद्दों में यूक्रेन संघर्ष (Ukraine Conflict) के कारण कोई देरी नहीं हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारत-चीन तनाव को लेकर रूस राजदूत ने कहा कि हम इस तरह के रवैये का समर्थन नहीं करते हैं। हम दोनों पक्षों के लाभ के लिए उन विवादों को पूरी तरह से भारत और चीन के बीच हल करने के लिए खड़े हैं। हमें इस वार्ता में कोई अन्य भूमिका नहीं दिखती है।
भारत चीन सीमा विवाद पर रूस चाहता है शांतिपूर्ण समाधान
उन्होंने कहा कि हम भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय विवादों के समाधान में शामिल नहीं होना चाहते हैं। हम केवल दो देशों को सीमा विवादों का त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कुछ देशों के विपरीत जो केवल चीन के प्रति भारत के संदेह को प्रोत्साहित करते हैं हम इसके विपरीत हैं।
रूसी राजदूत ने एससीओ बैठक को लेकर कहा कि इस दौरान ऊर्जा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की गई। यह हमारी निरंतर चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में आपूर्ति कम हुई है, लेकिन हम लंबी अवधि की आपूर्ति के बारे में बात कर रहे हैं। आम तौर पर यह मांग का विषय है।
एशिया का भविष्य भारत-चीन के सहयोग में है निहित
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि जैसा कि विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने दोहराया कि एशिया का भविष्य भारत-चीन के सहयोग में निहित है। हम इस तरह के दृष्टिकोण का बहुत समर्थन करते हैं। हम विश्वास का माहौल विकसित करने के पक्ष में हैं।
भारत-रूस-चीन सहयोग पर रूसी राजदूत ने कहा कि हम मानते हैं कि यह एक आशाजनक सिस्टम है। इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। तीनों देशों के बीच यह त्रिपक्षीय वार्ता सभी प्रतिभागियों के बीच विश्वास बनाने में मदद करेगी। साथ ही दुनिया के बड़े पैमाने पर यह एक एकीकृत एजेंडा और आपसी हितों को बढ़ावा देने में सहायक होगी।