अलगाववादी नेता गिलानी के नाती को सरकारी नौकरी पर विवाद
2016 में जब कश्मीर हिंसा के दौर से गुजर रहा था तो उसी दौरान कट्टरपंथी अलगाववादी नेता गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी दी गयी थी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के नाती अनीस-उल-इस्लाम को जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग में एक लाख रुपये के मासिक वेतन पर रिसर्च अधिकारी नियुक्त करने से एक नया विवाद पैदा हो गया है। इस नियुक्ति में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। वहीं राज्य सरकार ने नियमों की अनदेखी से इन्कार करते हुए चयन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष बताया है।
अनीस-उल-इस्लाम कट्टरपंथी गिलानी की बड़ी बेटी के पुत्र हैं। उसके पिता मुहम्मद अल्ताफ फंतोश भी अलगाववादी नेता हैं। पिछले वर्ष जब कश्मीर गिलानी समेत विभिन्न अलगाववादियों द्वारा लगाई गई आग में जल रहा था तो अल्ताफ फंतोश को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था।अनीस को गत नवंबर में नियुक्त किया गया और वह भी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अधीन पर्यटन विभाग से जुड़े शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में।
एसकेआइसीसी से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि अनीस की नियुक्ति में नियमों को ताक पर रखा गया और जानबूझकर वे नियम तय किए गए जो उसे ही बेहतर साबित करें। इसके अलावा विभागीय पदोन्नति समिति की सिफारिशों की फाइल को भी जानबूझकर रोका गया है। स त्रों के अनुसार पहले से कार्यरत छह अधिकारियों ने भी रिसर्च अधिकारी पद पर अपनी दावेदारी जताते हुए पदोन्नति का आग्रह किया था। इन सभी के पास न्यूनतम 15 साल का अनुभव भी है। उधर पर्यटन सचिव फारूक शाह ने कहा कि अनीस के साथ गिलानी का नाम जुड़ा है।
इसलिए विवाद है, लेकिन आवेदन करने वाले 196 लोगों में वही सबसे काबिल है, इसलिए उसे चुना गया है।चोर दरवाजे से नियुक्ति पूरी तरह गलत : उमरन शनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक प्रमुख और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अनीस की नियुक्ति पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि अगर चोर दरवाजे से नियुक्तियां गलत हैं तो वह सभी के लिए गलत है। चाहे वह गिलानी का नाती ही क्यों न हो।
यह भी पढ़ें: गिलानी के घर से 32 करोड़ मिलने की सूचना पर हड़कंप
यह भी पढ़ें: अलगाववादियों को मिलने वाले फंड मामले में SC ने PIL खारिज की