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छत्तीसगढ़ में मतांतरण रोकने के लिए गांव-गांव में शाखा और संपर्क, आरएसएस ने बनाई विशेष रणनीति

छत्तीसगढ़ में मिशनरियों की गुपचुप चल रही गतिविधियों और मतांतरण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए धर्म जागरण मंच ने नई व्यवस्था बनाई है। मंच के अलावा समरसता विभाग और स्वयंसेवकों की टीम संयुक्त रूप से काम पर जुट गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:47 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में मतांतरण रोकने के लिए गांव-गांव में शाखा और संपर्क, आरएसएस ने बनाई विशेष रणनीति
छत्तीसगढ़ में मतांतरण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए धर्म जागरण मंच ने नई व्यवस्था बनाई है।

राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मिशनरियों की गुपचुप चल रही गतिविधियों और मतांतरण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए धर्म जागरण मंच ने नई व्यवस्था बनाई है। मंच के अलावा समरसता विभाग और स्वयंसेवकों की टीम संयुक्त रूप से काम पर जुट गई है। मिशनरियों के क्रियाकलाप पर नजर रखने के लिए प्रदेश के गांव-गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बैनर तले शाखा शुरू की जा रही है।

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स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण पर जोर

आरएसएस के पदाधिकारियों की कोशिश है कि गांव-गांव में लगाई जाने वाली शाखाओं का शिक्षक कम से कम प्रथम वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक हो। इसके पीछे तर्क यह है कि प्रशिक्षित स्वयंसेवक मतांतरण सहित अन्य विषयों और मुद्दों पर अपनी बात प्रभावी ढंग से रख सकते हैं। वे अपनी बातों को लोगों के बीच प्रचारित करने की क्षमता रखते होंगे। साथ ही उन विषयों पर लोगों की सोच पर प्रभाव डाल सकते हैं।

ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने पर ध्‍यान

एक प्रमुख पदाधिकारी की मानें तो संघ के रणनीतिकारों की कार्ययोजना कारगर रही तो आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर दिखाई देगा। मतांतरण पर रोक लगाने के साथ ही ग्रामीणों को कौशल उन्नयन से जोड़कर स्वावलंबी बनाने का काम भी शुरू किया जाएगा।

ग्रामीणों की आर्थिक तरक्‍की से निकलेगा समाधान

धर्म जागरण मंच के संयोजक अभय सिंह का कहना है कि स्वावलंबी बनाने के पीछे उद्देश्य ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। अगर ऐसा हुआ तो मिशनरी अपनी शुरुआती योजना में ही फेल हो जाएंगी। गरीबी ही उनकी मजबूत कड़ी है, जिसके सहारे वे ग्रामीणों को मतांतरित कराने को आर्थिक मदद का लालच देती हैं।

शाखा मैदान में प्रतिदिन करेंगे चर्चा

ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह के वक्त शाखा लगाने पर जोर दिया जा रहा है। सुबह के वक्त ग्रामीण आराम से एक घंटे का समय दे सकते हैं। इस दौरान ग्रामीणों से दिनभर की गतिविधियों की जानकारी मिल सकती है। तीज-त्योहार पर शाखा के मुख्य शिक्षक ग्रामीणों के घर पहुंचकर उनके आयोजन में शामिल होंगे। समाज प्रमुखों से सतत संपर्क में रहेंगे। मतांतरण से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि की भनक लगते ही धर्म जागरण मंच व संघ के पदाधिकारियों को सूचित करेंगे। 


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