छत्तीसगढ़: जनजाति समूहों में उपजे असंतोष को दूर करने के लिए संघ प्रमुख ने संभाला मोर्चा
पत्थलगड़ी के रुप में झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़ तक के जनजाति समूहों में बढ़ रही नाराजगी और असंतोष से संघ काफी चिंतित है।
रायपुर [ जेएनएन ]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वह भाग लेंगे। इसमें पत्थलगड़ी पर जनजाति समूहों में बढ़ रही नाराजगी पर महामंथन होगा। इस संगोष्ठी में जनजाति समाज की अस्मिता और उनके विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत जनजाति वर्ग से सीधे संवाद करेंगे।
पहले संघ प्रमुख सोमवार शाम को रायपुर पहुंचने वाले थे, लेकिन वह अचानक दिल्ली से नागपुर के लिए रवाना हो गए। अब वह ट्रेन से रायपुर पहुंचेंगे। इससे पहले सोमवार दोपहर को आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी रायपुर पहुंच गए हैं।
दरअसल, पत्थलगड़ी के रुप में झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़ तक के जनजाति समूहों में बढ़ रही नाराजगी और असंतोष से संघ काफी चिंतित है। संघ का पूरा जोर इस नाराजगी का कारण जानने और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले इसे शांत करने पर रणनीति तैयार करना है। संघ प्रमुख की इस यात्रा को इस कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा है।
बता दें कि आदिवासी वर्ग की इस राज्य में 29 सीटे आरक्षित है। छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन में इन सीटों की अहम भूमिका होती है। सत्ता का रास्ता यहीं से होकर जाता है। सभी राजनीतिक दलों की नजर इन सीटों पर होती है। ऐसे में आदिवासी समाज में संघ की इस सक्रियता को अहम माना जा रहा है।
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेवराव उरांव, मोहन भागवत, आदिवासी समुदाय के सेवानिवृत्त अधिकारी, शिक्षक, वकील, वरिष्ठ राजनेता, सामाजिक नेता भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर पूरे देश के 100 से अधिक जनजाति नेताओं और जनजाति के क्षेत्र में काम करने वाले दूसरे प्रबुद्ध लोगों को न्योता भेजा गया है।