जानिए एक संगठन ने क्यों कहा, TikTok बना देशद्रोहियों का अड्डा, इसे बैन किया जाए
Ban Anti National TikTok राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन ने पीएम नरेंद्र मोदी से रविवार को अपील की है कि टिकटॉक और हेलो को बैन किया जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। Ban Anti National TikTok: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन ने पीएम नरेंद्र मोदी से रविवार को अपील की है कि टिकटॉक और हेलो को बैन किया जाए। उन्होंने दावा किया कि दोनों चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म "राष्ट्र-विरोधी" सामग्री का केंद्र बन गए हैं।
देश के युवाओं को कर रहे प्रभावित
पीएम मोदी को लिखे गए पत्र में स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह संयोजक अश्वनी महाजन ने दो प्लेटफार्मों पर संगठन की चिंताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के युवाओं को "निहित स्वार्थों" से प्रभावित किया जा रहा है।
तोड़ सकते हैं देश के सामाजिक ताने बाने को
महाजन ने कहा कि हाल के सप्ताहों में TikTok देश-विरोधी सामग्री का एक केंद्र बन गया है जिसे बड़े पैमाने पर एप्लिकेशन पर साझा किया जा रहा है और जो हमारे समाज के ताने-बाने को को तोड़ सकता है।
राजनीतिक विज्ञापनों के लिए किया गया भुगतान
हेलो के बारे में बात करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के नेता ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 11,000 से अधिक बदले गए राजनीतिक विज्ञापनों के लिए ऐप को सात करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
चीनी प्रतिष्ठानों के भारत के बारे में नकारात्मक इरादे
उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ विज्ञापन वरिष्ठ भारतीय राजनीतिक नेताओं के बदले गए पिक्चर का उपयोग कर रहे हैं। पिछले आम चुनाव के दौरान भाजपा के कार्यकताओं ने खुद चुनाव आयोग को लिखा था। महाजन ने मांग की कि गृह मंत्रालय देश में चल रहे ऐप टिकटॉक और हेलो जैसे सभी चीनी ऐप का प्रतिबंध लगाए। जैसा कि चीनी प्रतिष्ठान के कुछ क्षेत्रों में भारत की संप्रभुता और अखंडता के संबंध में नकारात्मक इरादे हैं।
सामाजिक उथल-पुथल पैदा कर सकते हैं ये ऐप
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक ने दावा किया कि भारतीय नागरिकों के निजी जीवन तक पहुंच हासिल करने और हमारे देश में सामाजिक उथल-पुथल पैदा करने के लिए चीनी सरकार द्वारा टिकटॉक (TikTok) और हस्तक्षेप करनले वाले ऐप का उपयोग किया जा सकता है।
नियमन के लिए नया कानून बनाया जाए
महाजन ने चिंता जताई की कि वर्तमान में भारत में एंड्रॉइड मोबाइल फोन और प्ले स्टोर में ऐप स्टोर में दिए गए एप्लिकेशन की निगरानी के लिए कोई नियम नहीं है। उन्होंने सरकार से इस बारे में एक नया कानून बनाने का अनुरोध किया, जिसमें नागरिकों की गोपनीयता के साथ-साथ हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के लिए ऐसे ऐप्स के परीक्षण और विनियमन की जरूरत हो।