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RBI के दावे की बीच आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, देश में 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2018 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 9.8 फीसदी रही है। इसके हिसाब से सिस्टम में 19.4 लाख करोड़ रुपये की नकदी होनी चाहिए, जबकि उपलब्ध नकदी 17.5 लाख करोड़ रुपये है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 18 Apr 2018 11:00 PM (IST)
RBI के दावे की बीच आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, देश में 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी
RBI के दावे की बीच आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, देश में 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी

मुंबई, प्रेट्र : नकदी की स्थिति पर सरकार और रिजर्व बैंक के दावों के बीच एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के एक अध्ययन में कहा गया है कि देश में नकदी की जरूरत और उपलब्धता के बीच 70,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम अंतर है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2018 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 9.8 फीसदी रही है। इसके हिसाब से सिस्टम में 19.4 लाख करोड़ रुपये की नकदी होनी चाहिए, जबकि उपलब्ध नकदी 17.5 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह इसमें 1.9 लाख करोड़ रुपये की कमी है। इस अंतर में से 1.2 लाख करोड़ रुपये की नकदी की कमी डिजिटल लेनदेन से दूर हो जाती है। इसके बाद व्यवस्था में 70,000 करोड़ रुपये की नकदी कम रह जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 200 रुपये के नोट की छपाई और आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश में भी नकदी की कमी का अनुभव हो रहा है। बड़े लेनदेन में लोगों को ज्यादा नोट निकालने की जरूरत पड़ रही है। इसलिए एटीएम जल्दी खाली हो रहे हैं। इससे निपटने के लिए एटीएम में नकदी डालने का क्रम तेज करना होगा। इसके अलावा चौथी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से भी नकदी की जरूरत बढ़ी।


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