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6 पहियों वाला रोबोटिक व्‍हिकल है रोवर ‘प्रज्ञान’, बारीक अध्‍ययन कर इसरो को भेजेगा तस्‍वीरें

रोवर प्रज्ञान एकमात्र चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम से ही बात कर सकता है। इसरो के अनुसार रोवर प्रज्ञान इन-सीटू पेलोड प्रयोग कर सकता है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 03:35 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 03:45 PM (IST)
6 पहियों वाला रोबोटिक व्‍हिकल है रोवर ‘प्रज्ञान’, बारीक अध्‍ययन कर इसरो को भेजेगा तस्‍वीरें
6 पहियों वाला रोबोटिक व्‍हिकल है रोवर ‘प्रज्ञान’, बारीक अध्‍ययन कर इसरो को भेजेगा तस्‍वीरें

नई दिल्‍ली, जेएनएन। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसरो के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को लेकर 'बाहुबली' रॉकेट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। चंद्रयान2 मिशन लांच व्‍हिकल में एक आर्बिटर, एक रोवर ‘प्रज्ञान’ और एक लैंडर ‘विक्रम’ है।

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रोवर ‘प्रज्ञान’ का अर्थ है ज्ञान

रोवर का नाम प्रज्ञान है, जो संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ज्ञान। 27 किलोग्राम का यह रोवर 6 पहिए वाला रोबोटिक व्‍हिकल है। संस्‍कृत में प्रज्ञान का अर्थ होता है 'ज्ञान'। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ भेजे गए रोवर प्रज्ञान चांद पर 500 मीटर तक घूम सकता है। इसमें 50 वॉट इलेक्‍ट्रिक पावर उत्‍पन्‍न करने की क्षमता है। इसके पेलोड- अल्‍फा पार्टिकल एक्‍सरे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर और लेजर इंड्यूस्‍ड ब्रेकडाउन स्‍पेक्‍ट्रोस्‍कोप हैं। सोलर एनर्जी से काम करने वाले इस रोवर की लाइफ 1 लूनर डे है। एक लूनर डे यानि 14 अर्थ डे।

उतरने से पहले सतह स्‍कैन करेगा लैंडर

चंद्रयान चांद के साउथ पोल की सतह पर उतरेगा। चांद के नजदीक पहंचते ही लैंडर अपनी कक्षा को बदलेगा। सतह पर लैंड होने के बाद लैंडर ‘विक्रम’ रोवर ‘प्रज्ञान’ को रिलीज करेगा। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर-रोवर अपने ऑर्बिटर से अलग हो जाएंगे।

चांद पर विभिन्‍न देशों के पांच रोवर हैं मौजूद

प्रज्ञान से पहले भी चांद पर कई रोवर गए हैं। ये रोवर चांद पर भेजे गए अलग-अलग यानों के साथ गए, जिन्हें सोवियत यूनियन, अमेरिका, चीन आदि ने भेजा। प्रज्ञान से पहले चांद पर कुल 5 रोवर जा चुके हैं।

बारीकी से अध्‍ययन करेगा रोवर ‘प्रज्ञान’

तीन रंगों में रंगे 6 पहियों वाले रोवर प्रज्ञान की स्‍पीड एक सेमी प्रति सेकेंड है। चांद पर पहुंचने के बाद रोवर लैंडर से निकल जाएगा और अपना काम शुरू करेगा। रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर मौजूद तत्‍वों की पहचान करने में मदद करेगा। चंद्रयान 1 ने चांद सतह पर पानी होने का पता लगाया था और रोवर यह जानने की कोशिश करेगा की चांद के परछाईं वाले हिस्‍से में पानी की मौजूदगी है या नहीं। इस दौरान यह काफी बारिकी से अध्‍ययन करेगा और तस्‍वीरें इसरो को भेजेगा। यह अपना काम 1 लुनर डे में पूरा करेगा।

तत्‍वों की पहचान के लिए अल्‍फा पार्टिकल्‍स का इस्‍तेमाल

चंद्रमा की सतह पर अल्‍फा पार्टिकल्‍स की बमबारी की जाएगी और इससे सोडियम, मैग्‍नीशियम, एल्‍युमिनियम, सिलिका, कैल्‍शियम, टाइटेनियम, आयरन के साथ स्‍ट्रोन्‍शियम, यिट्रियम व जिर्कोनियम आदि तत्‍वों का पता लगाने में आसानी होगी।


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