नई दिल्ली, जेएनएन। सड़कें सुरक्षित यात्रा के लिए बनी हैं और गाड़ियां आपको सुगमता से मंजिल तक पहुंचाने के लिए, लेकिन इसी सफर में छोटी सी गलती जानलेवा बन जाती है। इस संबंध में डब्ल्यूएचओ ने कई अहम निष्कर्ष दिए हैं। तेज गति का खतरा गाड़ी की गति का बढ़ना और दुर्घटना होने की आशंका के बीच सीधा संबंध है। गति जितनी ज्यादा होती है, दुर्घटना उतनी ज्यादा जानलेवा होती है।
शराब का सेवन भी ले रहा जान
नशे के सेवन में गाड़ी चलाना दुर्घटना होने और उसमें जान गंवाने के खतरे को बढ़ा देता है। शरीर में शराब की मात्रा बढ़ने के साथ खतरा भी बढ़ता जाता है। कुछ ड्रग्स के सेवन से दुर्घटना का खतरा पांच गुना तक बढ़ जाता है।
हेलमेट और सीट बेल्ट हैं सुरक्षा कवच
- 60% बच्चों के लिए अधिकृत बेल्ट के प्रयोग से इतने मामलों में जान बचाई जा सकती है
- कम हो जाती है दुर्घटना के जानलेवा होने की आशंका यदि मोटरसाइकिल सवार ने हेलमेट पहना हो
- कम हो जाती है सिर में चोट लगने की यदि हेलमेट पहना हो
- कम खतरा होता है कार में आगे बैठे व्यक्ति की मौत का यदि सीट बेल्ट लगी हो
- कम खतरा होता है पीछे बैठे लोगों की जान जाने का, यदि सीट बेल्ट लगी हो
2019 और 2020 के दुर्घटना के आंकड़ों से समझें यह चुनौती
4 गुना बढ़ जाती है सड़क दुर्घटना की आशंका यदि ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का प्रयोग किया जा रहा हो
भारी पड़ती है सीट बेल्ट न लगाने की लापरवाही
- 4 % बढ़ जाता है जानलेवा एक्सीडेंट का खतरा औसत गति में एक प्रतिशत की वृद्धि से
- 3% बढ़ जाता है गंभीर रूप से घायल होने का खतरा एक प्रतिशत औसत गति बढ़ने से
- 65 किमी प्रति घंटा की गति से चल रही कार में बगल से किसी कार के टकराने पर उसमें सवार लोगों के मरने की आशंका इतनी प्रतिशत होती है