Road Accident: सड़कों पर रफ्तार का शिकार हो रहा भारत, रोजाना 400 से अधिक लोग गंवाते हैं अपनी जान
देश में हर साल करीब 1.5 लाख से अधिक लोग रोड एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं और मारे जाते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में कुल 412432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिसमें से 153972 लोगों की जान गई। फोटो- जागरण।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश में सड़क दुर्घटना दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। देश में हर साल करीब 1.5 लाख से अधिक लोग रोड एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं और मारे जाते हैं। वहीं, लाखों लोगों को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के मुताबिक, देश में सड़क दुर्घटना में प्रतिदिन 415 लोगों की मौत होती है।
2021 में 1.5 लाख से अधिक लोगों ने सड़क दुर्घटना में गंवाई थी जान
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 1,53,972 लोगों की जान गई। इस दौरान 3,84,448 लोग घायल हुए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, इसी साल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में नशीली दवाओं या फिर शराब के नशे में ड्राइविंग से होने वाली मौतों का हिस्सा करीब दो प्रतिशत था।
खतरनाक ड्राइविंग से होती है सबसे अधिक मौतें
देश में हर साल जितनी मौतें होती हैं उसमें लोगों की जान सबसे अधिक वाहन को तेज गति से चलाने, ओवरटेकिंग और खतरनाक ड्राइविंग के कारण होती है। मंत्रालय के मुताबिक, देश में साल 2021 में जितनी मौतें हुई हैं उसमें से 90 प्रतिशत मौतें इसी वजह से हुई हैं। विश्व बैंक द्वारा जारी 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत सड़क दुर्घटना के मामले में शीर्ष 20 देशों में शामिल था।
सीट बेल्ट नहीं लगाने से 16 हजार से अधिक लोगों ने गंवाई अपनी जान
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, साल 2021 में 16,397 लोग की मृत्यु सीट बेल्ट नहीं लगाने से हुई थी, जिसमें से 8,438 चालक थे, जबकि बाकी मरने वालों में 7,959 यात्री शामिल थे। वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में इसी दौरान 46,593 लोग की मौत हेलमेट नहीं पहनने के कारण हुई थी। इस दौरान हेलमेट नहीं पहनने के कारण 93,763 लोगों को गंभीर चोटें आईं।
वाहनों में सेफ्टी फीचर बढ़ाने पर जोर
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही के दिनों में वाहनों में सेफ्टी फीचर बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा था कि भारत पांच साल के अंदर नंबर एक ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सकता है, लेकिन इसके लिए ऑटो कंपनियों को अपने वाहनों में सेफ्टी फीचर बढ़ाने होंगे। ऐसा करने से सड़क हादसों में कमी आएगी।
देश के अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर
देश में लगातार बढ़ रहे सड़क दुर्घटना से हर साल भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होता है। विश्व बैंक के मुताबिक, सड़क दुर्घटना से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर साल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब तीन से पांच प्रतिशत का नुकसान होता है।