सुप्रीम कोर्ट से जजों की नियुक्ति के दस्तावेज की समीक्षा का आग्रह
केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से एक बार फिर जजों की नियुक्ति के दस्तावेज की समीक्षा करने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज सीएस कर्नन के मामले का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से एक बार फिर जजों की नियुक्ति के दस्तावेज की समीक्षा करने का आग्रह किया है। कानून मंत्रालय के सचिव (न्याय) ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा है।
पत्र में शीर्ष अदालत के पांच जुलाई के फैसले का हवाला दिया गया है। फैसले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने जज नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा की जरूरत बताई थी। कर्नन के अवमानना मामले में दिए गए इस फैसले के कुछ अंश का जिक्र करते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) की समीक्षा करने को कहा है। अभी एमओपी के आधार पर ही जजों की नियुक्ति की जाती है।
दिसंबर 2015 में न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ के नए एमओपी के पक्ष में फैसला देने के बाद कानून मंत्रालय ने नया मसौदा भेजा था। कई दौर की बातचीत के बाद कॉलेजियम ने मसौदे को फिर मंत्रालय के पास भेज दिया और कई क्लॉज को लेकर आपत्तियां जताई थीं।
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