Move to Jagran APP

पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आयी खुदरा महंगाई दर

खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2016 में 3.41 प्रतिशत तथा जनवरी 2016 में 5.69 प्रतिशत थी।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 13 Feb 2017 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 13 Feb 2017 10:16 PM (IST)
पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आयी खुदरा महंगाई दर
पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आयी खुदरा महंगाई दर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सब्जियों और दालों के भाव में गिरावट से खुदरा महंगाई दर घटकर पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आ गयी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर जनवरी 2017 में घटकर 3.17 प्रतिशत रह गयी है जो जनवरी 2012 से अब तक न्यूनतम स्तर पर है। वहीं खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई भी घटकर 0.53 प्रतिशत रह गयी है जो कि अब तक के न्यूनतम स्तर पर है।

loksabha election banner

खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2016 में 3.41 प्रतिशत तथा जनवरी 2016 में 5.69 प्रतिशत थी। इसी तरह खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर भी दिसंबर में 1.37 प्रतिशत से घटकर जनवरी में 0.53 प्रतिशत पर आ गयी है जबकि पिछले साल समान महीने में यह 6.85 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर शहरी क्षेत्रों में तो नकारात्मक जोन में चली गयी है। हालांकि गांवों में खाद्य महंगाई दर अब भी 2.9 प्रतिशत पर बरकरार है। शहरों में खाद्य महंगाई दर घटकर -0.31 प्रतिशत पर आ गयी है।

असल में महंगाई में गिरावट की मुख्य वजह दलहन और सब्जियों की कीमत में गिरावट आना है। इस साल दलहन का उत्पादन बेहतर रहा है। साथ ही सरकार ने विदेशों से भी दालों का आयात किया है, इसलिए दालों की कीमत में गिरावट आयी है। हालांकि चीनी और कन्फेक्शनरी की कीमतों की महंगाई दर में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इसी तरह अनाज और फलों के दाम में भी वृद्धि हुई है।

खुदरा महंगाई दर में यह गिरावट 8 नवंबर 2016 को सरकार के नोटबंदी के कदम के बाद आयी है। खुदरा महंगाई दर में गिरावट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करते समय इसी को संज्ञान में लेता है। आरबीआइ ने खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत के आस-पास कायम रखने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में महंगाई दर नीचे बनी रहने के कारण आने वाले महीनों में ब्याज दरें नीचे आ सकती हैं। वैसे आरबीआइ ने पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो दर में कटौती से परहेज किया था। आरबीआइ की दलील है कि बैंकांे के पास ब्याज दरें कम करने की पर्याप्त गुंजाइश है, इसलिए वे अपनी उधारी दरें घटाएं।

महंगाई से राहत, अक्टूबर में रिटेल महंगाई घटकर 4.21 फीसदी रही


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.