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गंगा में डूबी अदीबा का शव सुपुर्द-ए-खाक

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर की पुत्री डॉ. अदीबा को देर रात किठौर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। गुरुवार को अदीबा का शव ऋषिकेश के बैराज जलाशय से मिला था। 10 मई को वह ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में फूलचट्टी के समीप गंगा में डूब गई थी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 22 May 2015 12:24 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 07:49 AM (IST)
गंगा में डूबी अदीबा का शव सुपुर्द-ए-खाक

मेरठ। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर की पुत्री डॉ. अदीबा को देर रात किठौर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। गुरुवार को अदीबा का शव ऋषिकेश के बैराज जलाशय से मिला था। 10 मई को वह ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में फूलचट्टी के समीप गंगा में डूब गई थी।

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बेटी का शव मिलने की खबर पर मंत्री, विधायक, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सांत्वना देने के लिए मंजूर के घर पर जुटने लगे। खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया तथा स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन समेत अनेक लोगों ने मंजूर को ढांढस बंधाया।

डॉ. अदीबा का शव ऋषिकेश के बैराज जलाशय से बरामद होने पर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। अदीबा मेरठ के सुभारती मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास आउट थी और कॉलेज के देहरादून स्थित कैंपस में प्रशिक्षण ले रही थी। नौ मई को वह अपने कॉलेज के नौ अन्य साथियों के साथ ऋषिकेश बीच कैंपिंग के लिए आई थी।

10 मई को उन्हें वापस लौटना था, इससे पहले वे प्रात: करीब साढ़े आठ बजे गंगा में नहाने के लिए गए थे। इसी बीच गंगा व हेंवल नदी के संगम पर एक पत्थर से पैर फिसल जाने के कारण अदीबा गंगा में डूब गई। घटना के रोज से ही उसकी व्यापक स्तर पर तलाश शुरू हो गई थी। बेटी के गंगा में डूबने की सूचना पाकर मंत्री शाहिद मंजूर व उनके परिजन 10 मई को ही ऋषिकेश पहुंच गए थे।

एक सप्ताह तक पुत्री की बरामदगी की राह देखने के बाद मंजूर 17 मई को वापस लौट गए। जबकि अदीबा के भाई नवाजिश, ताबिश, चचेरे भाई तारिक व आतिर सहित कई परिजन ऋषिकेश में तलाश में जुटे रहे थे। गुरुवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे बैराज जलाशय के बाई ओर तलाश में जुटी एनडीआरएफ की टीम ने अदीबा का शव बरामद किया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव की पहचान की।

वहीं डॉ. अदीबा को गंगा में तलाशने के लिए लगाई गई 14 टीमें शव बरामद होने के बाद लौट गईं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना व पुलिस के 138 सदस्य दिन रात इस अभियान में जुटे थे।


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