किन्नौर में फंसे 301 लोग सुरक्षित निकाले गए
दैवीय आपदा के शिकार बने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बृहस्पतिवार को जहां-तहां फंसे 301 लोगों को वायु सेना ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से शिमला और रामपुर पहुंचाया। इसके अलावा चार सौ अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। इस बीच भारी बारिश होने से साशो क्षेत्र में 250 भे
शिमला, जागरण ब्यूरो। दैवीय आपदा के शिकार बने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बृहस्पतिवार को जहां-तहां फंसे 301 लोगों को वायु सेना ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से शिमला और रामपुर पहुंचाया। इसके अलावा चार सौ अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। इस बीच भारी बारिश होने से साशो क्षेत्र में 250 भेड़-बकरियां सहित भेड़ पालक काल के गाल में समा गया। वहीं टापरी में बाढ़ से आए मलबे के नीचे दबे एक व्यक्ति को पांच दिन बाद जिंदा बाहर निकाल लिया गया। सरकार ने हादसे में अब तक 14 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
किन्नौर के उपायुक्त जेएम पठानिया ने बताया कि बचाव कार्यो में तेजी लाई गई है। जिले के विभिन्न स्थलों से पर्यटकों, स्थानीय लोगों और रोगियों को 13 उड़ानों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अब तक कुल छह सौ लोगों को बचाया जा चुका है। रोपा-कंडा में करीब 12 भेड़-बकरी पालकों को बचाने के लिए एनडीआरएफ बल के जवानों को भेजा गया है। इसके अलावा बारिश व भूस्खलन के चलते बंद हुए रास्तों को खोलने के प्रयास यृद्धस्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने दस करोड़ की राशि जारी कर दी है। उधर राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक आपदा में करीब तीन सौ घरों के लोग बेघर हुए और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। अकेले किन्नौर में 40 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। दूसरी तरफ, जिले के टापरी क्षेत्र में पुलिस और स्थानीय लोगों की सहायता से पांच दिन से मलबे के नीचे दबे एक व्यक्ति को जिंदा बाहर निकाला गया। इस बीच हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने केंद्र से उत्तराखंड की तर्ज पर आर्थिक सहायता की मांग की।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर