मध्य प्रदेश के चर्चित थप्पड़ कांड की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपी
राजगढ़ की जिला कलेक्टर निधि निवेदिता ने पिछले माह सीएए के समर्थन में रैली के दौरान पुलिस के एएसआई नरेश शर्मा को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के चर्चित थप्पड़ कांड की जांच रिपोर्ट राज्य के गृह विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। राजगढ़ की जिला कलेक्टर निधि निवेदिता ने पिछले माह सीएए के समर्थन में रैली के दौरान पुलिस के एएसआई नरेश शर्मा को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था।
थप्पड़ कांड पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कमलनाथ लेंगे
वरिष्ठ अफसरों द्वारा की गई जांच के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री कमलनाथ अंतिम निर्णय लेंगे। इससे पहले जिला प्रशासन और पुलिस की जांच में विरोधाभास सामने आया था। इसके बाद गृह विभाग ने प्रमुख सचिव संजय दुबे और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन को राजगढ़ भेजकर जांच करवाई थी।
मप्र में रेत का अवैध भंडारण करने पर साढ़े तीन करोड़ रुपये का जुर्माना
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर कलेक्टर न्यायालय ने रेत का अवैध भंडारण करने पर ठेकेदार के खिलाफ तीन करोड़ 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही तीन हजार घनमीटर जब्त रेत शासन के पक्ष में राजसात करने के निर्देश जारी किए हैं।
रेत के अवैध भंडारण की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी थी
23 मई 2019 को नरसिंहपुर के खनिज निरीक्षक ने रेत के अवैध भंडारण की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी थी। इसमें गोटेगांव तहसील के झांसीघाट में 15 मई 2019 को करीब 300 डंपर (तीन हजार घनमीटर) रेत का अवैध भंडारण पाया गया था। इस आधार पर संजय उर्फ पप्पू तथा टीकमदास के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।
ठेकेदार की दलील- जब्तशुदा रेत मेरी नहीं है
नोटिस के जवाब में यह दलील दी गई थी कि जब्तशुदा रेत उनकी नहीं है। उनके द्वारा न तो रेत का भंडारण किया गया है न वह रेत का व्यवसाय करते हैं।
रेत का भंडारण आरोपितों के द्वारा ही किया गया
इस मामले में साक्ष्य जुटाए गए। न्यायालय ने पाया कि साक्ष्य, मौका पंचनामा और राजस्व अभिलेख से यह तथ्य प्रमाणित है कि रेत का भंडारण उक्त आरोपितों के द्वारा ही किया गया।
कलेक्टर न्यायालय ने लगाया एक करोड़ 80 लाख रुपये का जुर्माना
इस पर कलेक्टर न्यायालय ने रेत खनन की खनिज मात्रा तीन हजार घनमीटर की रॉयल्टी राशि तीन लाख का 60 गुना एक करोड़ 80 लाख तथा इस राशि के समतुल्य एक करोड़ 80 लाख रुपये का जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर लगाया।