Move to Jagran APP

रिपोर्ट कार्ड-स्वच्छता बना जनांदोलन, रफ्तार बनाये रखने की चुनौती बरकरार

जन सहभागिता के भरोसे स्वच्छ भारत मिशन एक जनांदोलन बना जिसके नतीजतन देश की तस्वीर बदल गई है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 10:16 PM (IST)
रिपोर्ट कार्ड-स्वच्छता बना जनांदोलन, रफ्तार बनाये रखने की चुनौती बरकरार
रिपोर्ट कार्ड-स्वच्छता बना जनांदोलन, रफ्तार बनाये रखने की चुनौती बरकरार

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। स्वच्छता मिशन के बिगुल पर सारा देश उठ खड़ा हुआ और पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता ने ऐसा रंग दिखाया कि स्वच्छता जनांदोलन बन गया। उनकी अपील लोगों के जेहन में कुछ यूं बैठी कि 38 फीसद स्वच्छता कवरेज वाला देश लगभग एक सौ फीसद तक पहुंच गया। लोगों की सोच व व्यवहार में परिवर्तन आना विशेष उल्लेखनीय रहा।

loksabha election banner

महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी पर दो अक्टूबर 2019 को देश के पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने का लक्ष्य है। जिसके पूरा हो जाने की उम्मीद है। पूरी दुनिया के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। लेकिन स्वच्छता की इस रफ्तार को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इसे बरकरार रखने के लिए सरकारी मदद के साथ जन सहभागिता को बनाए रखने की चुनौती है। शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन एक साथ शुरू हुआ, जो लोगों का मिशन बन गया।

सरकार ने देशभर में नौ करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण पूरा कर लिया है। शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने आगे बढ़कर स्वच्छता को अपना लिया है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वच्छता आंदोलन को हाथोंहाथ लिया है। स्वच्छता के सहारे न जाने कितनी बुराइयों पर काबू पाने में मदद मिली है। सीधे तौर पर कहें तो गरीबी जैसी लाइलाज समस्या का समाधान संभव हो सका है। गंदगी और जलजनित बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। कुपोषण से होने वाली न जाने कितनी बीमारियां उड़न छू होने लगी हैं। स्वच्छता जैसा साधारण सा मुद्दा आर्थिक विकास की धुरी बन गया है। बच्चियां स्कूल जाने और पढ़ने लगी हैं। पर्यटन को पंख लग गए हैं।

स्वच्छता को महात्मा गांधी ने आजादी से भी अधिक प्राथमिकता दी थी, लेकिन उनके जीते जी उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका था। लेकिन सरकार व समाज की बदली सोच ने इसे कर दिखाया है। देश के विभिन्न हिस्सों में केवल शौचालय ही नहीं बनाए गए हैं, बल्कि उनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग भी होने लगा है। स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है, जिसे आचार-विचार में शामिल करने के बाद ही पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। सरकार और जनसहभागिता के चलते यह संभव होने लगा है।

समूचे देश में जहां स्वच्छता का परचम लहरा रहा है, वहीं कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जो स्वच्छता की राह में रोड़ा बने हुए हैं। गोवा जैसे राज्य के बारे में धारणा है कि यह सबसे विकसित व साफ सुधरा राज्य होगा, लेकिन स्वच्छता की रेस में यह सबसे पीछे है। पांच सबसे पिछड़े राज्यों में गोवा पहले पायदान पर है, जहां स्वच्छता की कवरेज मात्र 76.22 फीसद है। इसके अलावा कई पूर्वी राज्यों की हालत थोड़ी तंग है, जिनमें ओडिशा, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं। जबकि ज्यादातर राज्यों में स्वच्छता कवरेज 100 फीसद पहुंच चुकी है।

देश के सभी सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों, आंगनवाड़ी, पंचायत घरों व सामुदायिक केंद्रों में प्राथमिकता के आधार पर शौचालयों का निर्माण कराया गया। जन सहभागिता के भरोसे स्वच्छ भारत मिशन एक जनांदोलन बना, जिसके नतीजतन देश की तस्वीर बदल गई है। समाज के हर वर्ग में स्वच्छता के प्रति रुझान बढ़ा है। स्वच्छता और सफाई करने वालों के प्रति भी लोगों की सोच बदली है।

आंकड़े 

-कुल 9.24 करोड़ घरों में शौचालय बनाए जा चुके हैं।

-देश के 5.55 लाख गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो चुके हैं। जबकि वर्ष 2014-15 में केवल 47 हजार गांव ही ओडीएफ हो सके थे।

-कुल 615 जिले पूरी तरह ओडीएफ घोषित

-देश के 30 प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों ने खुद को ओडीएफ घोषित किया।

-देश के सभी 4042 शहरों व शहरी निकायों ने खुद को पूर्ण स्वच्छ घोषित कर लिया है

-शहरी क्षेत्रों के 66.50 लाख घरों में शौचालय बनाए गए

-2.52 सामुदायिक शौचालय निर्मित हुए

-2.56 लाख सार्वजनिक शौचालय सीट बनाये गए

-शहरों के सभी घरों से कूड़ा उठाने और प्रबंधन करने का लक्ष्य है, जिसे दो अक्टूबर 2019 तक पूरा किया गया है

स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश की सूची

1-अंडमान निकोबार

2-आंध्र प्रदेश

3-अरुणाचल प्रदेश

4-असम

5- बिहार

निचले पायदान पर रहने वाले राज्य, जो 100 फीसद नहीं के आंकड़े को नहीं छू सके

1-गोवा

2-ओडिशा

3-तेलंगाना

4-पश्चिम बंगाल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.