पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार की घटना पहली बार नहींः विदेश मंत्रालय
पाकिस्तान के लाहौर में सिख पुलिस अधिकारी के साथ भेदभाव के मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान दिए हैं।
नई दिल्ली (एएनआई)। पाकिस्तान के पहले सिख पुलिस ऑफिसर गुलाब सिंह के साथ लाहौर में मंगलवार को उनके घर में घुसकर कुछ लोगों ने बदसलूकी की। इतना ही नहीं दबंगों ने उनकी पगड़ी भी उतार दी और बालों से घसीटकर घर से बाहर कर दिया। अब इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यको के साथ गलत व्यवहार किया जाता है। पाकिस्तान से हमारा अनुरोध है कि इस मामले की इमानदारी से जांच की जाए और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
क्या था मामला
इस पूरे घटनाक्रम के बारे में सिख पुलिस अधिकारी गुलाब सिंह ने सोशल मीडिया पर लोगों के साथ शेयर की है।गुलाब सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने बताया, 'मैं गुलाब सिंह पाकिस्तान का पहला सिख ट्रैफिक वॉर्डन हूं। मेरा साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है जैसा चोरों-डाकुओं के साथ किया जाता है। मुझे मेरे घर से घसीटकर बाहर निकाला गया और मेरे घर में ताले लगा दिए गए।' उन्होंने कहा, 'तारिक वजीर जो अडिशनल सेक्रटरी है और तारा सिंह जोकि पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का भूतपूर्व प्रधान है, उन्होंने कुछ लोगों को खुश करने के लिए यह काम किया है।
अदालत में मेरे केस भी चल रहे हैं। इस पूरे गांव में सिर्फ मुझे ही निशाना बनाया जा रहा है और मेरा घर खाली करवाया गया। आप देख सकते हैं मेरे सिर पर पगड़ी भी नहीं है। वे मेरी पगड़ी भी छीनकर ले गए और उन्होंने मेरे केश भी खींचे हैं।' बताया जा रहा है कि गुलाब सिंह ने पुलिस से आग्रह किया कि उन्हें कम से कम 10 मिनट का वक्त दिया जाए। वह यहां 1947 से रह रहे हैं। लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी गई और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया। हाल के दिनों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले काफी बढ़ गए हैं। पाकिस्तान में सिख और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
इन मुद्दों पर भी रवीश कुमार ने बोला
अवैध वीजा पर ब्रिटेन से दिल्ली आए ब्रिटिश नागिरक पर भी रवीश कुमार ने अपने बयान दिए। उन्होंने कहा कि उसके पास पर्याप्त वीजा नहीं था और उसके वीजा फॉर्म में कुछ गड़बड़ियां थीं। हमने उसे पहले ही आगाह किया था कि तुम्हारा वीजा अवैध है। जब वे यहां पहुंचे, उनके पास पहले से ही दो घंटे बाद की वापसी की फ्लाइट का बोर्डिंग पास था। क्या किसी बिजनेस वीजा पर कोई यहां आ सकता है और किसी सम्मेलन को संबोधित कर सकता है? बता दें कि लॉर्ड कार्लिले 11 जुलाई को इनवैलिड वीजा पर दिल्ली पहुंचे थे।
इस साल जनवरी में हमने जाकिर नायक के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया था। इस स्तर पर मैं आपको बता सकता हूं कि मलेशियाई प्राधिकरण द्वारा हमारे प्रत्यर्पण अनुरोधों पर विचार किया जा रहा है।