लॉकडाउन में छूट: मध्य प्रदेश में अब बिना बायोमेट्रिक सत्यापन पर मिलेगा रियायती दर का राशन
प्रदेश की उचित मूल्य की राशन दुकानों से अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होगा।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो। प्रदेश की उचित मूल्य की राशन दुकानों से अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होगा। पीओएस (पॉस मशीन) में रिकॉर्ड दर्ज करने के बाद राशन दे दिया जाएगा। प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन वितरण करने के लिए इस शर्त से छूट दे दी है। प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। इसके कारण गरीबों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने तीन माह का राशन एकमुश्त देने का फैसला किया है।
मई और जून के लिए निशुल्क राशन
वहीं, मई और जून के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से भी निशुल्क राशन दिया जाएगा। लॉकडाउन के कारण जिलों में दूसरे जिलों के पात्र हितग्राही फंसे हुए हैं। पोर्टेबिलिटी नहीं होने की वजह से इन्हें राशन लेने में दिक्कत आ रही है। इसे देखते हुए इंदौर सहित कुछ अन्य जिलों के कलेक्टर और विधायकों ने खाद्य विभाग से बायोमेट्रिक की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की थी। विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने समस्या की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि केंद्र सरकार से इस मामले में विशेष अनुमति ली जाए। मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन अवधि के लिए छूट दे दी है।
बिना बायोमेट्रिक सत्यापन के राशन वितरण
खाद्य विभाग के संचालक अविनाश लवानिया ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि बिना बायोमेट्रिक सत्यापन के राशन वितरण किया जाए। पीओएस मशीन से ही राशन दिया जाए और राशन वितरण के लिए उचित मूल्य दुकानों पर अधिकारी या कर्मचारी की नियुक्ति की जाए। जिन्हें भी राशन दिया जाए, उनकी सूची बनाकर जिला अधिकारियों को दी जाए और हितग्राहियों को पीओएस मशीन से राशन वितरण की रसीद भी दी जाए। यदि किसी को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से राशन प्राप्त करना है तो उसे बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर ही राशन दिया जाए।