Move to Jagran APP

भोपाल के नवाब की संपत्तियों का फर्जीबाड़ा, बेटी साजिदा के फर्जी दस्तखत से हुई खेल मैदान की रजिस्ट्री

नवाब संपत्तियों के विवाद और इसके बंटवारे के बाद अब नवाब परिवार के सदस्य 27 फरवरी को एक निजी कार्यक्रम के लिए भोपाल आ रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 10:56 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 10:56 PM (IST)
भोपाल के नवाब की संपत्तियों का फर्जीबाड़ा, बेटी साजिदा के फर्जी दस्तखत से हुई खेल मैदान की रजिस्ट्री
भोपाल के नवाब की संपत्तियों का फर्जीबाड़ा, बेटी साजिदा के फर्जी दस्तखत से हुई खेल मैदान की रजिस्ट्री

दीपक विश्वकर्मा, भोपाल। भोपाल के पूर्व नवाब स्व. हमीदुल्ला खान की संपत्तियों को फर्जी ढंग से हड़पने के मामलों का अंत ही नहीं हो रहा है। अब नया तथ्य सामने आया है कि भोपाल के जिस अहमदाबाद पैलेस में अंतिम नवाब हमीदुल्ला अपने परिवार के साथ रहते थे, उसके पास स्थित खेल मैदान की भी उनकी बेटी साजिदा सुल्तान के फर्जी हस्ताक्षर से रजिस्ट्री हो चुकी है।

loksabha election banner

खेल मैदान: बेटी साजिदा सुल्तान के फर्जी हस्ताक्षर से रजिस्ट्री का खुलासा

खेल मैदान पर अभी सेफिया एजुकेशन सोसायटी शिक्षण संस्थान एक कॉलेज का संचालन कर रही है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार खेल मैदान की रजिस्ट्री नूर महल क्षेत्र निवासी छोटे खान नामक व्यक्ति ने 1976 में करा ली थी। इस फर्जीवाड़े का पता तब चला जब हाल ही में इसका नामांतरण कराने के लिए बैरागढ़ तहसीलदार के पास आवेदन दिया गया। तहसीलदार के पास नामांतरण के लिए आवेदन आने पर इस जमीन के पक्षकारों को नोटिस जारी किया तो फर्जी हस्ताक्षर से रजिस्ट्री का खुलासा हुआ।

सेफिया एजुकेशन सोसायटी के सीईओ ने कहा- नामांतरण नोटिस से हुई शंका

सेफिया एजुकेशन सोसायटी के सीईओ जैनुद्दीन शाह को जब नामांतरण के लिए दिए गए आवेदन के कारण नोटिस मिला तो वे चौंक गए। उन्होंने बताया कि 1985 से यहां सेफिया एजुकेशन सोसायटी के नाम से शिक्षण संस्थान का संचालन किया जा रहा है। 43 साल बाद अचानक जब नामांतरण के लिए नोटिस आया तो शंका पैदा हुई। इसकी जानकारी के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय व रजिस्ट्रार कार्यालय से रिकॉर्ड निकलवाया तो कागजात फटे हुए मिले। जबकि रजिस्ट्रार कार्यालय के रसीद कट्टे में 1976 में किसी छोटे खान के नाम पर रजिस्ट्री होना नहीं पाया गया है।

हस्ताक्षर मिलान किया तो फर्जी निकले

जब इस रजिस्ट्री पर विक्रय करने वाले के हस्ताक्षर का मिलान किया गया तो सामने आया कि साजिदा सुल्तान के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर यह रजिस्ट्री कराई गई है। इसके बाद फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों से रजिस्ट्री कराने की डीआईजी व कलेक्टर भोपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई।

1975 से है जबलपुर हाई कोर्ट का स्टे, नवाब की संपत्ति खरीदी और बेची नहीं जा सकती

यह जमीन साजिदा सुल्तान के पास 4 फरवरी 1960 से 28 दिसंबर 1971 तक रही थी। इसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट के समक्ष पारिवारिक विभाजन को लेकर एक अपील दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने मामले में 30 जुलाई 1975 को स्टे आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि नवाब की संपत्ति न तो खरीदी जा सकती है और न ही बेची जा सकती है। यह स्टे अब भी प्रभावी है।

27 फरवरी को भोपाल आएगा नवाब परिवार

नवाब संपत्तियों के विवाद और इसके बंटवारे के बाद अब नवाब परिवार के सदस्य 27 फरवरी को एक निजी कार्यक्रम के लिए भोपाल आ रहे हैं। परिवार की सदस्य फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और करीना कपूर भी भोपाल आएंगी। परिवार अपनी संपत्तियों से संबंधित सभी मामलों में प्रशासन से शिकायत कर अपना पक्ष रखेगा।

पुलिस और प्रशासन से पूरे मामले की शिकायत दो महीने पहले ही की है। इसके बाद भी अब तक किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया। रजिस्ट्री विभाग के पास जो रिकॉर्ड है वह फर्जीवाड़ा कर बनाया गया है-जैनुद्दीन शाह, सीईओ, सेफिया एजुकेशन सोसायटी भोपाल।

फर्जी हस्ताक्षर से रजिस्ट्री का मामला प्रशासन के संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी-तरुण पिथोड़े, कलेक्टर, भोपाल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.