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Agnipath Impact: अब अग्निपथ से ही सेना में एंट्री, सेनाओं ने घोषित की भर्ती योजना, जानें कितनी तैयारियों के बाद लिया यह निर्णय

सेना ने रविवार को पूरी तरह साफ कर दिया कि अग्निवीर योजना को वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अग्निवीरों की भर्ती योजना अग्निपथ के माध्यम से ही अब सेना में भर्ती संभव होगी। सेना में भर्ती का कोई और दूसरा तरीका नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jun 2022 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 07:15 AM (IST)
Agnipath Impact: अब अग्निपथ से ही सेना में एंट्री, सेनाओं ने घोषित की भर्ती योजना, जानें कितनी तैयारियों के बाद लिया यह निर्णय
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इसे वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इसे वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अग्निवीरों की भर्ती योजना अग्निपथ के माध्यम से ही अब सेना में भर्ती संभव होगी। सेना में भर्ती का कोई और दूसरा तरीका नहीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रविवार को लगातार दूसरे दिन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कांफ्रेंस में अग्निपथ योजना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को स्पष्ट किया गया।

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जल्दबाजी में नहीं लिया यह फैसला

प्रतिरक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं है, बल्कि सेना की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की शुरुआत तीन दशक पहले ही हो गई थी। इसके लिए कई कमेटियां गठित की गई थीं, जिनकी सिफारिशों के बाद अग्निपथ योजना को आगे बढ़ाया गया है।

हिंसा करने वालों के लिए सेना में कोई स्थान नहीं

वहीं, हिंसक आंदोलन करने वालों को कड़ी चेतावनी देने के अंदाज में यह भी स्पष्ट किया कि सेना में अनुशासनहीनता के लिए कोई स्थान नहीं है। अनुशासन ही सेना की बुनियाद है, इसलिए हिंसा करने वालों के लिए सेना में कोई स्थान नहीं है। अभ्यर्थियों को भर्ती से पहले यह शपथपत्र देना होगा कि वह हिंसा में शामिल नहीं थे। इसका बाद में पुलिस सत्यापन भी कराया जाएगा।

1989 में हुई थी चर्चा की शुरुआत

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि सेना को युवा बनाए रखने पर चर्चा की शुरुआत वर्ष 1989 में ही हो गई थी। अरुण सिंह कमेटी और कारगिल रिव्यू कमेटी की सिफारिशें इसी दिशा में आईं। सेना में सुधार की यह योजना काफी समय से लंबित थी, जिसके लिए उचित समय का इंतजार था।

गहन अध्ययन लिया है फैसला

जनरल पुरी ने कहा कि कोविड काल के दो साल में सेना को इसकी लांचिंग की तैयारियों के लिए पूरा समय मिला। गहन अध्ययन रिपोर्ट और गंभीर विचार-विमर्श के बाद यह अवसर मिला। इस दौरान दुनिया के दूसरे देशों की सेनाओं से भी सीखने और समझने का पूरा मौका मिला, जहां दो से चार साल के भीतर सेना से निकलने का मौका दिया जाता है। इसके लिए वहां सेना से सेवानिवृत्ति के तीन से चार तरीके अपनाए जाते हैं।

सेना को युवा बनाने की मुहिम

सेना को युवा बनाने की मुहिम को इस योजना से सफलता मिलेगी। सेना में भर्ती के लिए 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच के युवाओं को सेना में जवान बनने का मौका मिलेगा। युवा सिपाहियों के जोश और एनसीओ (नान-कमीशंड आफिसर) के होश से सेना के हौसले बुलंद होंगे। पुरी ने बताया कि सेना के तीनों अंगों में समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वालों की उम्र 35 से 38 वर्ष है।

क्‍या चाहती है हमारी सेना 

सेना की औसत उम्र वर्ष 1989 में जहां 30 वर्ष थी, वह फिलहाल 32 वर्ष है। सेना इसे घटाकर 26 वर्ष करना चाहती है। पिछले दो वर्षों के अध्ययन के बाद इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आने वाली युवा पीढ़ी हमसे बहुत बेहतर है। टैंक का संचालन ड्रोन से होगा और उन्नत टेक्नोलाजी से लड़ाई होगी। आज का बच्चा पैदा होते ही मोबाइल और कंप्यूटर से खेलता है। सेना की भर्ती प्रक्रिया इस सबको ध्यान में रखकर तैयार की गई है। 17.5 साल का युवा 10वीं पास होगा, जिनमें 70 प्रतिशत बच्चे गांवों के होंगे।

कमतर नहीं होंगे अग्निवीर

सेना में अब सभी तरह की भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत ही होंगी जो सेना में किसी भी स्तर से कमतर नहीं होंगे। उन्हें वे सारी सुविधाएं मुहैया होंगी जो सामान्य फौजियों को प्राप्त हैं। कुछ मामलों में इन्हें ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। सेना में बलिदान देने वाले अग्निवीरों के स्वजन को एक करोड़ रुपये मुफ्त प्राप्त होंगे, जबकि सेना के सामान्य सैनिकों को इसके लिए बीमा प्रीमियम चुकाना पड़ता है। कई तरह के अतिरिक्त भत्ते भी इन्हें प्राप्त होंगे।

सुनहरा होगा भविष्‍य 

सेना में भर्ती से लेकर सेवानिवृत्ति तक सैनिकों की उम्र 21 से 25 वर्ष होगी। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत हाई स्कूल पास होंगे, जिन्हें सेवानिवृत्ति के साथ 12वीं का प्रमाणपत्र प्राप्त होगा। इसके बाद उन्हें ब्रिजिंग कोर्स, आगे की पढ़ाई और अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस बल, सेना के दूसरे हिस्सों में रोजगार के अलावा कारपोरेट सेक्टर में उम्दा अवसर मिलेंगे।

सब कुछ योजनाबद्ध

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना या सरकार आनन-फानन में अथवा किसी दबाव में कोई फैसला नहीं ले रही है। सब कुछ योजनाबद्ध था। इसीलिए 14 जून को अग्निपथ योजना का एलान किया गया और 15 जून को सुबह गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की।

सेनाओं ने घोषित की भर्ती योजना, 83 भर्ती रैलियों का होगा आयोजन

अग्निवीरों की भर्ती के लिए देश के कोने-कोने में कुल 83 भर्ती रैलियां आयोजित की जाएंगी। देश का कोई गांव नहीं बचेगा, जहां के युवाओं को भर्ती का मौका नहीं मिलेगा।

वायुसेना में 24 से रजिस्ट्रेशन

एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि 24 जून से अग्निवीरों के रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे। महीनेभर बाद 24 जुलाई को पहले चरण की आनलाइन परीक्षा कराई जाएगी। दिसंबर के अंत तक पहला बैच चुन लिया जाएगा, जिसका प्रशिक्षण 30 दिसंबर को शुरू होगा।

नौसेना दो दिन में देगी विज्ञापन

वाइस एडमिरल (कार्मिक) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि नौसेना अगले दो दिनों के भीतर अपनी भर्तियों का विज्ञापन प्रसारित कर देगी। आनआइन भर्ती प्रक्रिया महीनेभर में शुरू हो जाएगी। नौसेना में महिला अग्निवीरों की भी भर्ती की जाएगी। 21 नवंबर को बेसिक ट्रे¨नग के लिए ओडिशा स्थित आइएनएस चिल्का पर पहला बैच पहुंच जाएगा।

थलसेना में भर्तियों की तैयारी पूरी

थलसेना के लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने बताया कि सोमवार को मसौदा अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद विभिन्न भर्ती यूनिटें एक जुलाई से अधिसूचनाएं जारी करेंगी। उनके यहां 25 हजार रंगरूटों का पहला बैच ट्रे¨नग के लिए दिसंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में रवाना हो जाएगा। जबकि दूसरा बैच फरवरी, 2023 में ट्रे¨नग के लिए पहुंच जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भर्तियों की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि देशभर में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में भर्ती रैलियों का आयोजन किया जाएगा।  

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