खाद्यान्न की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार, गेहूं की पैदावार 9.7 करोड़ टन
दलहन व तिलहन की भी रिकॉर्ड पैदावार, मौसम की मेहरबानी रही खास...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शानदार मानसून, मिट्टी में पर्याप्त नमी और कृषि क्षेत्र के लिए सरकार की कारगर नीतियों के चलते खाद्यान्न की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार हुई है। कृषि मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी तीसरे अग्रिम अनुमान में खाद्यान्न की कुल पैदावार 27.3 करोड़ टन होगी, जो अब तक की सर्वाधिक होगी। रबी सीजन की बड़ी फसल गेहूं की पैदावार भी नई ऊंचाइयों को पार करते हुए 9.7 करोड़ टन तक पहुंचेगी।
पिछले मानसून सीजन में समुचित बारिश के चलते मिट्टी में नमी की पर्याप्त मात्रा से रबी सीजन की फसलों की उत्पादकता में वृद्धि दर्ज की गई। एक ओर जहां कम सिंचाई की जरूरत महसूस की गई, वहीं पूरे सीजन में जरूरत के हिसाब से तापमान के उतार-चढ़ाव ने फसलों को नये मुकाम पर पहुंचा दिया। यही वजह है कि गेहूं की पैदावार अब तक की सर्वाधिक 9.74 करोड़ टन को छूने लगा है। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो पैदावार के अंतिम अनुमान में इन आंकड़ों में सुधार दर्ज किया जा सकता है।
फसलों की रिकार्ड पैदावार 26.5 करोड़ टन वर्ष 2013-14 में हुई थी। उसके मुकाबले फसल वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न की कुल पैदावार 27.3 करोड़ टन होगी, जो लगभग एक करोड़ टन अधिक है। इसी तरह चावल का उत्पादन 10.91 करोड़ टन अनुमानित है, जो नया रिकार्ड है। चावल का यह उत्पादन पिछले पांच सालों के उत्पादन के औसत से साढ़े तीन फीसद अधिक है। गेहूं की पैदावार बीते फसल वर्ष के मुकाबले साढ़े पांच फीसद अधिक होगा, जो 9.7 करोड़ टन होगा।
सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान इस बार दलहन फसलों पर था, जिसके सकारात्मक नतीजे मिले हैं। दलहन फसलों का बुवाई रकबा बढ़ाने में जहां सफलता मिली थी, वहीं अच्छी प्रजाति के बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता के चलते दलहन की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी। वर्ष 2016-17 में दलहन की कुल पैदावार 2.24 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछली सर्वाधिक पैदावार 1.92 करोड़ टन से अधिक है।
सबसे खराब हालत में तिलहन की खेती है, जिसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खाद्य तेलों के उत्पादन में इससे बहुत फायदा होगा और आयात निर्भरता घटेगी। तिलहन की कुल पैदावार 3.25 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले 72 लाख टन अधिक है। कपास की खेती का रकबा घटने के बावजूद उत्पादकता बढ़ने की वजह से पैदावार में लगभग नौ फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
एक नजर में पैदावार के आंकड़े:
कुल खाद्यान्न : 27.33 करोड़ टन
-चावल: 10.92 करोड़ टन
-गेहूं: 9.74 करोड़ टन
-मोटे अनाज: 4.4 करोड़ टन
-मक्का: 2.61 करोड़ टन
-दलहन: 2.24 करोड़ टन
-चना: 90.8 लाख टन
-अरहर: 46 लाख टन
-उड़द: 29 लाख टन
तिलहन: 3.25 करोड़ टन
-सोयाबीन: 1.4 करोड़ टन
-मूंगफली: 76.5 लाख टन
-सरसों :79.8 लाख टन
कपास: 3.25 करोड़ गांठ
(प्रत्येक 170 किलोग्राम)
गन्ना: 30.6 करोड़ टन
यह भी पढ़ेंः भारत और नीदरलैंड के विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक, आपसी सहयोग के मुद्दे पर हुयी चर्चा
यह भी पढ़ेंः नयना पुजारी गैंगरेप और मर्डर केस में तीनों दोषियों को मिली फांसी की सजा