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किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने के लिए तर्कसंगत आदेश जरूरी, SC की अदालतों को हिदायत

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा- जांच एजेंसी शिकायतकर्ता और समाज की चिंताओं के बीच संतुलन स्थापित करना आवश्यक। अदालतों को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते समय ये बातें ध्यान रखने के लिए कहा गया। जानें क्या कहा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 11:38 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 11:38 AM (IST)
किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने के लिए तर्कसंगत आदेश जरूरी, SC की अदालतों को हिदायत
सुप्रीम कोर्ट का अदालतों को विशेष निर्देश। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते समय व्यक्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने के लिए तर्कसंगत आदेश जारी करना चाहिए।शीर्ष अदालत ने कहा कि जब ऐसे आदेश जारी किए जाते हैं तो अदालतों को जांच एजेंसी, शिकायतकर्ता और समाज की चिंताओं के बीच संतुलन स्थापित करना चाहिए क्योंकि गिरफ्तारी की आशंका वाले व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर या खारिज होने का सीधा असर व्यक्ति के जीवन एवं स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर पड़ता है।

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प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने ये टिप्पणियां उन दो याचिकाओं पर सुनाए गए फैसले में कीं जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने इन दो अलग-अलग मामलों में आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिकाएं तो खारिज कर दी थीं, लेकिन नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए 90 दिनों के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया था। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के अधिकार को सही ठहराते हुए कहा कि ऐसी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल अनियंत्रित तरीके से नहीं किया जा सकता।

12वीं की परीक्षा रद करने की मांग पर सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद किए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि याचिका की कापी सीबीएसई को दें और मामले को सोमवार को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।वकील ममता शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल कर कोरोना महामारी को आधार बनाते हुए सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद करने और छात्रों के पूर्व ग्रेड के आधार पर रिजल्ट घोषित करने की मांग की। 12वीं के रिजल्ट घोषित करने की तय समयसीमा में एक वस्तुनिष्ठ प्रणाली तैयार करने की भी अपील की गई। याचिका में केंद्र सरकार, सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआइएससीई) को पक्षकार बनाते हुए निर्देश मांगा गया।


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