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    फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने कहा, चीन को करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है Su-30 हथियार प्रणाली

    By JagranEdited By: Dhyanendra Singh Chauhan
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:09 AM (IST)

    India China Border Tension सीमा पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान ऑपरेशन का हिस्सा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन से निपटने के लिए हम रोजाना अभ्यास करते हैं।

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    तेजपुर फॉरवर्ड एयर बेस में Su-30 लड़ाकू विमान हैं तैनात

    तेजपुर (असम), एएनआई। चीन के मोर्चे पर चल रही सैन्य तैनाती के बीच भारत अपनी सुरक्षा और तेज कर रहा है। सुखोई -30 लड़ाकू बेड़े में भारतीय वायु सेना की एकमात्र महिला हथियार प्रणाली ऑपरेटर ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसी भी घटना का जवाब देने और अपनी क्षमता साबित करने के लिए हम तैयार हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि पूर्वी सेक्टर में चीन सीमा के करीब तेजपुर फॉरवर्ड एयर बेस में Su-30 लड़ाकू विमानों तैनात हैं। इन नए हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक वार प्रणालियों को शामिल करने के साथ इसे और घातक बना दिया गया है।

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    फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने समचार एजेंसी एएनआई को बताया कि किसी भी ऑपरेशन का हिस्सा बनने के लिए भारतीय वायु सेना में प्रत्येक लड़ाकू पायलट ट्रेन करता है। यह वह जगह है जहां हमें अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलता है। पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न ठिकानों के हमारे पायलट किसी भी घटना के मामले में जवाब देने के लिए तैयार हैं। हम किसी भी तरह के कार्यों और चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार हैं।

    उन्होंने बताया कि WSO या wizzos विशेषज्ञ अधिकारी होते हैं जिन्हें मल्टीरोल Su-30 लड़ाकू विमान के पिछले कॉकपिट में उड़ान भरने और दुश्मन के ठिकानों पर विमान द्वारा दागे जाने वाले सेंसर और हथियारों को संभालने की आवश्यकता होती है।

    सीमा पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान ऑपरेशन का हिस्सा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन से निपटने के लिए हम रोजाना अभ्यास करते हैं।

    उड़ान के अनुभव होता है बहुत रोमांचकारी

    वायु सेना के संयुक्त अभियानों के दौरान लड़ाकू पायलटों के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट साक्षी बाजपेयी ने कहा कि कहा कि इन युद्ध के दौरान उड़ान का अनुभव हमेशा बहुत रोमांचकारी होता है। यह पायलटों को तैयार करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण मिशन हमें कंफर्टेबल होने में मदद करते हैं। साथ ही हमें किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार होने में मदद करते हैं।

    चुनौती के लिए तैयार होने में मिलती है मदद

    देश के पूर्वी हिस्सों के पहाड़ी घने जंगलों में लड़ाकू विमानों को उड़ाने की विशेषता पर बाजपेयी ने कहा कि यहां के मौसम और इलाके प्रकृति के कारण यह एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण और अभ्यास से हमें किसी भी चुनौती के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।

    भारत चीन के बीच LAC पर है तनाव

    पिछले दो सालों में भारत लद्दाख में उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ एक सैन्य गतिरोध चल रहा है। एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं तैनात हैं। भारतीय वायु सेना इस क्षेत्र में विरोधियों को काबू में रखने के लिए बड़े पैमाने पर उड़ान भर रही है और इस क्षेत्र में बल का मुख्य आधार पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में राफेल जेट के एक स्क्वाड्रन के साथ-साथ सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान रहा है।

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