Move to Jagran APP

कौन है खूंखार आतंकी 'अब्दुल रऊफ अजहर', कंधार विमान अपहरण से लेकर पुलवामा अटैक का रहा है मास्टरमाइंड

1999 के बाद से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का भाई रऊफ अजहर भारतीय ठिकानों पर सबसे दुस्साहसी हमलों को अंजाम देने के मामले में मास्टर माइंड के रूप में जाना गया। 2001 में देश की संसद पर हुए हमले पर रऊफ रजा का भी नाम था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 06:21 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 06:21 PM (IST)
मसूद अजहर का भाई है रऊफ अजहर

नई दिल्ली, एजेंसी। चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में खूंखार आतंकी को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव को बाधित करने के बाद अब्दुल रऊफ अजहर एक बार फिर चर्चा में है। चीन ने दो महीने से भी कम समय में दूसरी बार ऐसा कदम उठाया है। रऊफ अजहर वो खूंखार आतंकी है, जो 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल था। इसके साथ ही रऊफ अजहर पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक माना जाता है। 2019 में पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान बलिदान हुए थे।

loksabha election banner

1999 के बाद से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का भाई रऊफ अजहर भारतीय ठिकानों पर सबसे दुस्साहसी हमलों को अंजाम देने के मामले में मास्टर माइंड के रूप में जाना गया। 2001 में देश की संसद पर हुए हमले पर रऊफ रजा का भी नाम था। 2005 में अयोध्या राम मंदिर पर हुए अस्थाई हमले एवं 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हमले पर जैश-ए- मुहम्मद का नाम सामने आया था।

अमेरिका ने 2010 में घोषिता किया वैश्विक आतंकी

2010 में अमेरिका ने रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। 1999 में जैश-ए-मोहम्मद ने बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दिया था। आतंकियों ने जब काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए इंडियन एयरलाइंस की उड़ान भरने वाले IC-814 विमान का अपहरण कर लिया था। इस विमान को 24 दिसंबर को तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार ले जाया गया था।

अपने भाई मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए रची, विमान अपहरण की साजिश

31 दिसंबर 1999 को सुरक्षा एजेंसियों ने रऊफ अजहर को मुख्य साजिशकर्ताओं के रूप में पहचाना था। रऊफ अजहर ने जम्मू के कोट बलवाल जेल से अपने भाई मसूद अजहर की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए विमान अपहरण की साजिश रची थी।

रऊफ अजहर द्वारा नियोजित हमलों ने भारत और पाकिस्तान को कम से कम दो मौकों पर युद्ध के कगार पर ला दिया। इनमें से संसद पर हमला और पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.