Ratha Saptami 2020: जानिए तारीख, इतिहास और सूर्य जयंती का महत्व
इस सप्तमी को सूर्य भगवान के जन्मदिन के रूप में जाना गया है जो अपने रथ को मोड़कर उत्तर-पूर्व दिशा में उत्तरी गोलार्ध (Hemisphere) की ओर ले जाते हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। रथ सप्तमी दो शब्दों से पूरा हुआ, जिसमें एक रथ और सप्तमी का अर्थ 7 वां। प्रतीकात्मक रूप से, इस सप्तमी को सूर्य भगवान के जन्मदिन के रूप में जाना गया है जो अपने रथ को मोड़कर उत्तर-पूर्व दिशा में उत्तरी गोलार्ध (Hemisphere) की ओर ले जाते हैं।
रथ सप्तमी क्या है?
रथ सप्तमी, जिसे माघ सप्तमी के रूप में भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, माघ महीने के 7 वें दिन आता है। माघ महीने का 7 वां दिन भी सूर्य के जन्म का प्रतीक है और इसलिए इसे सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। रथ सप्तमी को सरस्वती पूजा या वसंत पंचमी या बसंत पंचमी के दो दिन बाद मनाया जाता है जो वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।
रथ सप्तमी 2020 कब है?
इस वर्ष, रथ सप्तमी का त्यौहार 1 फरवरी, 2020 को शनिवार को मनाया जा रहा है। यह त्यौहार देश भर के सभी हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करते हैं।
रथ सप्तमी 2020 का इतिहास क्या है?
हिंदू कथा के अनुसार, इस दिन को कश्यप ऋषि और अदिति के संयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को सूर्य की जन्मतिथि भी कहा जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, एक महान राजा जिसके पास अपने राज्य का शासन करने के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं था, उसने भगवान से प्रार्थना की। उनकी प्रार्थनाओं को स्वीकार कर लिया गया और उन्हें एक पुत्र प्राप्त हुआ। हालांकि, उनके पुत्र के बीमार पड़ने के बाद, एक संत ने राजा को रथ सप्तमी पूजा करने की सलाह दी। राजा द्वारा रथ सप्तमी पूजा करने के बाद, उनके बेटे का स्वास्थ्य ठीक हो गया और उसने अपने राज्य पर अच्छा शासन किया।
रथ सप्तमी का क्या महत्व है?
इस दिन पूजा और उपवास से आरोग्य तथा संतान की प्राप्ति होती है इसलिए इसको आरोग्य सप्तमी और पुत्र सप्तमी भी कहा जाता है। इसी दिन से सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना प्रारंभ करते हैं ,इसलिए इसको रथ सप्तमी भी कहते हैं।