स्वर्ण तस्करी मामले के मुख्य आरोपी रमीस को विशेष अदालत से जमानत, लेकिन रहेगा जेल में
रमीस को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही धनराशि की दो संपत्तियों की गारंटी पर जमानत दी गई। लेकिन रमीस फिलहाल जेल में ही रहेगा
कोच्चि, प्रेट्र। केरल के बहुचर्चित स्वर्ण तस्करी मामले में बुधवार को विशेष अदालत (आर्थिक अपराध) ने मुख्य आरोपी केटी रमीस को जमानत दे दी। रमीस को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही धनराशि की दो संपत्तियों की गारंटी पर जमानत दी गई। लेकिन रमीस फिलहाल जेल में ही रहेगा, क्योंकि एनआइए सोने की तस्करी के इस मामले के आतंकी संपर्क की भी जांच कर रही है। कस्टम विभाग ने दर्ज एफआइआर में लिखा है कि तस्करी से सोना लाकर उसे अन्य राज्यों में भेजा जाता था। इसके लिए पूरा नेटवर्क कार्य करता था। इस नेटवर्क को रमीस संचालित करता था।
विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि रमीस को हर सोमवार को दिन में 10 बजे कस्टम विभाग की जांच में सहयोग करने के लिए उपस्थित होना होगा। एनआइए द्वारा दर्ज मामले में जमानत मिलने तक वह जेल से आकर कस्टम विभाग की जांच में शामिल होगा। स्वर्ण तस्करी मामले में कस्टम विभाग ने उसे 11 जुलाई को गिरफ्तार किया था। मामले में तिरुअनंतपुरम स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश और सरित पीएस भी आरोपी हैं। तिरुअनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अवैध रूप से लाए गए 15 करोड़ रुपये कीमत के सोने की जब्ती के बाद इन लोगों को केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। बाद में रमीस की हिरासत एनआइए ने ले ली थी।
स्वप्ना संग सेल्फी लेने पर जांच
स्वर्ण तस्करी मामले में गिरफ्तार स्वप्ना सुरेश के साथ सेल्फी लेने के मामले में छह महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। त्रिसूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस समय स्वप्ना का इलाज चल रहा है। इन महिला पुलिसकर्मियों को स्वप्ना पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि जांच में सेल्फी लेने की पुष्टि होने पर महिला कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा ने मामले पर नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया था कि हिरासत में स्वप्ना को मोबाइल फोन पर मनचाहे लोगों से बात करने की सुविधा भी दी गई है।