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लॉन्चिंग के साथ ही विवादों में घिरा रामदेव का आटा नूडल्स

योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी के आंटा नूडल्स बाजार में आने से पहले ही सरकारी दाव-पेंच में फंस गए हैं। भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने तकनीकी आधार पर इसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2015 12:51 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2015 11:32 AM (IST)
लॉन्चिंग के साथ ही विवादों में घिरा रामदेव का आटा नूडल्स

नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी के आंटा नूडल्स बाजार में आने से पहले ही सरकारी दाव-पेंच में फंस गए हैं। भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने तकनीकी आधार पर इसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है।

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इसका कहना है कि रामदेव की कंपनी को इंस्टेंट नूडल्स नहीं सामान्य नूडल्स बनाने की इजाजत है। उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय और रामदेव के सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही दोनों पक्षों की मुलाकात होने वाली है, जिसमें यह मामला सुलझ जाने की उम्मीद है।

भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण के अध्यक्ष आशीष बहुगुणा ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा, 'जो स्टेंडर्ड तय किए गए हैं, उनके मुताबिक सिर्फ सूजी और मैदे का इस्तेमाल कर नूडल बनाया जा सकता है। अगर आप कोई सामग्री बदलेंगे तो वह नया उत्पाद हो जाता है और उसके लिए अलग से इजाजत लेनी होती है।'

साथ ही उन्होंने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को पास्ता श्रेणी में इजाजत है, जिसके तहत आप नूडल तो बना सकते हैं, लेकिन इंस्टेंट नूडल नहीं। इंस्टेंट नूडल प्री-कुक्ड होते हैं और उनको सिर्फ दो-तीन मिनट के लिए उबालना होता है। उन्होंने कहा कि अगले एक-दो दिन के अंदर इस कंपनी को खाद्य कानून के उलंघन का नोटिस जारी कर दिया जाएगा। पातंजलि आयुर्वेद ने अपने आटा नूडल के लांच के लिए सोमवार को कार्यक्रम तो आयोजित किया है, लेकिन अभी इसे बाजार तक लाने में लगभग एक महीना लग सकता है।

कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनकी कंपनी हर तरह से कानून का अक्षरश: पालन करती रही है और आगे भी करेगी। उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय और कंपनी दोनों के ही सूत्रों ने बताया कि एक-दो दिन के अंदर ही दोनों पक्षों की मुलाकात होने वाली है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन दिन के अंदर इस मामले का समाधान निकल जाएगा।

प्राधिकरण के अध्यक्ष बहुगुणा ने एक दिन पहले बयान दिया था कि पतंजलि आयुर्वेद के पास नूडल बेचने का लाइसेंस ही नहीं है। इसी तरह उन्होंने कहा था कि कंपनी ने अब तक प्रोडक्ट अप्रूवल के लिए प्राधिकरण में आवेदन ही नहीं किया है। इसके जवाब में कंपनी ने कागजी प्रमाण दे कर यह साबित किया कि उसे नूडल बेचने की इजाजत है और साथ ही प्राधिकरण ने तो अब प्रोडक्ट अप्रूवल देना बंद ही कर दिया है। पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।

पढ़े : पतंजलि के उत्पाद मानकों के अनुरूपः रामदेव


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