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Ram Mandir Construction : 200 फिट नीचे तक भुरभुरी बालू का तोड़ निकालने में जुटे इंजीनियर

सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 9 नवंबर को अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए जन्मभूमि पर मंदिर निमार्ण का रास्ता साफ कर दिया था। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का आदेश दिया था।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 07:00 AM (IST)
मंदिर निर्माण का काम लार्सन एंड टुब्रो (एल एन्ड टी) कर रही है

नई दिल्ली, माला दीक्षित। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। मंदिर को सैकड़ों वर्ष तक स्थाई और सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञ जुटे हैं। मंदिर का निर्माण सरयू नदी के निकट होना है। नदी के पास होने के कारण भूमि के नीचे 200 फिट गहराई तक भुरभुरी बालू है। ऐसे में मंदिर की मजबूत नींव पर विशेषज्ञ इंजीनियर मंथन कर रहे हैं और मजबूत नीव की ड्राइंग तैयार करने में लगे हैं। सोमवार से दो दिन की मीटिंग होने वाली है, जिसमें सारी चीजे फाइनल होने की उम्मीद है।

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मंदिर निर्माण का काम लार्सन एंड टुब्रो (एल एन्ड टी) कर रही है। इसके लिए कंपनी के साथ अनुबंध पत्र भी हस्ताक्षर हो गया है। निर्माण में सलाहकार के लिए टाटा कंपनी और टाटा इंजीनियर्स को लिया गया है। टाटा के साथ भी इस बावत अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हो गये हैं। मंदिर का निर्माण सरयू नदी के पास हो रहा है। नदी पास होने के कारण भूमि के नीचे 200 फिट नीचे तक भुरभुरी बालू है ऐसे मे विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर की मजबूत नीव के लिए ड्राइग तैयार कर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि सोमवार से निर्माण कमेटी और विशेषज्ञों की अयोध्या में दो दिवसीय बैठक शुरू होने वाली है। इस बैठक में मंदिर निर्माण की ड्राइंग, प्रेजेन्टेशन आदि सब पर गहन चर्चा और विचार विमर्श होगा। इस दो दिवसीय बैठक में सबकुछ फाइनल होने की उम्मीद है। सामूहिक निर्णय के बाद नीव का निर्माण कार्य शुरू होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 9 नवंबर को अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए जन्मभूमि पर मंदिर निमार्ण का रास्ता साफ कर दिया था। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का आदेश दिया था। इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित हुआ जो कि मंदिर निर्माण का कामकाज देख रहा है।


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