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राज्यसभा के संवाद में पिछले 4 सालों में कई गुना वृद्धि, लोगों को यहां के कामकाज के बारे में मिली जानकारी

राज्यसभा सचिवालय ने बुधवार को बताया कि उच्च सदन के सभापति के रूप में एम वेंकैया नायडू के पिछले चार वर्षो कार्यकाल में यहां के कामकाज के बारे में लोगों को मीडिया के जरिये जानकारी देने से जुड़े सार्वजनिक संवाद में कई गुणा वृद्धि दर्ज की गई।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 09:35 AM (IST)
राज्यसभा के संवाद में पिछले 4 सालों में कई गुना वृद्धि, लोगों को यहां के कामकाज के बारे में मिली जानकारी
राज्यसभा के कामकाज के बारे में लोगों को जानकारी मिली।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यसभा के कामकाज के बारे में लोगों को मीडिया के जरिये जानकारी देने से जुड़े सार्वजनिक संचार में पिछले चार साल में कई गुना वृद्धि हुई है। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक उच्च सदन के सभापति के रूप में एम. वेंकैया नायडू के इस कार्यकाल में 2012 से 2017 के पांच वर्षों की तुलना में संवाद प्रति सप्ताह 4.5 गुना अधिक रहा।

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बयान के मुताबिक, अगस्त 2017 मे नायडू के पदभार संभालने के बाद सदन एवं सचिवालय के कामकाज के संबंध में 491 विज्ञप्तियां जारी की गईं। इन चार वर्षो में सचिवालय की मीडिया इकाई ने 263 विज्ञाप्तियां और सभापति कार्यालय ने 228 विज्ञाप्तियां जारी की। वहीं, 2012 से 2017 के दौरान 135 मीडिया संवाद जारी हुए थे। सचिवालय द्वारा इस संबंध में एक रिपोर्ट सभापति नायडू को सौंपी गई थी। नायडू का कहना था कि राज्यसभा की कार्यवाही के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए।

29 नवंबर से शुरू हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक जारी रह सकता है। कोरोना महामारी के मद्देनजर, संसद का शीतकालीन सत्र पिछले साल आयोजित नहीं किया गया था और इसके बाद के सभी सत्रों, बजट और मानसून सत्रों की समय सीमा में भी कटौती की गई थी।

इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा। इन चुनावों को 2024 के आम चुनावों के लिए ‘सेमीफाइनल’ के रूप में देखा जा रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा और राज्यसभा दोनों की बैठक एक ही समय पर होगी और शीतकालीन सत्र के दौरान सदस्य शारीरिक दूरी का पालन करेंगे। पहले कुछ सत्रों में, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग समय पर होती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसद परिसर के अंदर अधिक लोग मौजूद न हों।


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