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राज्यसभा एक दिन में 11 बार स्थगित

विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा में भ्रष्टाचार निरोधक कानून पारित नहीं हो सका।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 11:38 PM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 11:38 PM (IST)
राज्यसभा एक दिन में 11 बार स्थगित
राज्यसभा एक दिन में 11 बार स्थगित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के भारी हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित किए जाने का रिकॉर्ड बन गया। दिनभर में सदन की बैठक कुल 11 बार और दोपहर दो बजे से शाम 5.10 बजे तक तीन घंटे में 10 बार स्थगित करनी पड़ी। सरकार और आसंदी ने भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए पारित कराने की कोशिश की, लेकिन विफल रहे। विपक्ष ने हर स्थगन के बाद बैठक शुरू होने पर सदन नहीं चलने दी।

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विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा में भ्रष्टाचार निरोधक कानून पारित नहीं हो सका। सुबह 11 बजे नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण तथा मंत्रियों की ओर से दस्तावेज पेश किए जाने के तुरंत बाद तेलुगु देसम पार्टी के सदस्य 'सेव आंध्र प्रदेश' के नारे लगाते हुए वेल में पहंुच गए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने उनसे वापस अपनी सीटों पर जाने का अनुरोध किया।

वेंकैया बोले, लोकतंत्र की हत्या

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से चर्चा में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैंने हर विषय पर चर्चा की अनुमति दी है। लेकिन कोई बिल पास नहीं हुआ है। देश विकास चाहता है। आप लोग जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। सदन की हालत देखकर पूरा देश गुस्से में है। उन्होंने विपक्ष के विरोध को 'लोकतंत्र की हत्या' करार देते हुए कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।

सरकार पर बरसे आजाद

दो बजे नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा हम बिल पास करना चाहते हैं। पूरा विपक्ष यही चाहता है। लेकिन, हमें लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले मसले उठाने का भी अधिकार है। परंतु सत्तारूढ़ दल की रुचि न तो बिल पारित होने देने में है और न चर्चा में। आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे पर आजाद ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के अलावा पिछली सरकार ने भी इसका वादा किया था। उसे निभाया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने बैंकिंग घोटाले तथा सीबीएसई पेपर लीक के मुद्दे भी उठाए।

दलित विरोधी होने का आरोप

आजाद कुछ देर ही बोल पाए थे कि तेलुगु देसम सदस्यों ने पुन: नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस व बसपा सदस्यों ने भी 'दलित विरोधी ये सरकार नहीं चलेगी' के नारे लगाकर उनका साथ दिया। इस पर उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन को सवा तीन बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद कार्यवाही कई बार रुकी और चली। कुरियन ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक बिल पास नहीं हुआ तो सरकार के कई कार्यक्रम रुक जाएंगे। यह बिल देश के हित में है। इसलिए इसे पारित होने दें। इस बीच मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने बिल पेश कर दिया। कुरियन ने वोट की अपील की। लेकिन विफल रहे।

इस तरह स्थगित हुआ सदन

-पहली बार 11:20 पर 2:00 तक

-दूसरी बार 2:45 बजे तक

-तीसरी बार 3:15 बजे तक

-चौथी बार 3:30 बजे तक

-पांचवीं बार 3:45 बजे तक

-छठी बार 3:55 बजे तक

-सातवीं बार 4:21 बजे तक

-आठवीं बार 4:45 बजे तक

-नौवीं बार 4:55 बजे तक

-10वीं बार 5:10 बजे तक

-11वीं बार पूरे दिन के लिए

लोकसभा भी बाधित रही

लोकसभा में लगातार 20वें दिन भी हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो सका। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने कावेरी बोर्ड तत्काल बनाने की मांग करते हुए हंगामा मचाया। कांग्रेस, राकांपा, वाम, टीडीपी, राजद ने उनके अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन से पूछा कि उसका क्या हुआ? स्पीकर ने कहा कि जब तक सदन में व्यवस्था कायम नहीं होगी, वह इन नोटिसों पर विचार की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकतीं।

23 दिन का वेतन नहीं लेंगे राजग सांसद

विपक्ष पर सदन चलाने के लिए दबाव बनाने के लिहाज से राजग सांसदों ने जिस दिन संसद नहीं चली है, उस दिन का वेतन नहीं लेने का फैसला किया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस और अन्य पार्टियों के हंगामे के चलते संसद नहीं चल रही है। इसे देखते हुए राजग सांसद 23 दिनों का वेतन नहीं लेंगे। कुमार ने कांग्रेस पर लोकतंत्र विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह करदाताओं के पैसों की बर्बादी है।


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