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मुफलिसी में बेचने पड़े लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स

हुनर के जरिए कुछ रिकॉर्ड तो बनाए, लेकिन रोजी-रोटी चलाने केलिए उसे बेचना पड़ा। अगर वे अपने रिकॉर्ड और मेडल नहीं बेचते तो बेटी की वकालत की पढ़ाई नहीं करवा पाते और न घर का चूल्हा चल पाता। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड धारक एबी राजवंश को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ा है। राजवंश कांगड

By Edited By: Published: Mon, 04 Feb 2013 10:44 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2013 06:57 PM (IST)
मुफलिसी में बेचने पड़े लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स

वीरेन पराशर, धर्मशाला। हुनर के जरिए कुछ रिकॉर्ड तो बनाए, लेकिन रोजी-रोटी चलाने केलिए उसे बेचना पड़ा। अगर वे अपने रिकॉर्ड और मेडल नहीं बेचते तो बेटी की वकालत की पढ़ाई नहीं करवा पाते और न घर का चूल्हा चल पाता।

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लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड धारक एबी राजवंश को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ा है। राजवंश कांगड़ा के अनसोली गांव के रहने वाले हैं। बच्चों की पढ़ाई और घर चलाने के लिए उन्हें यह रिकॉर्ड महज 71 हजार रुपये में बेचना पड़ा। एबी राजवंश ने 2003 -04 में बनाए इन रिकॉर्ड की मूल प्रतियों को पिछले साल दिसंबर और इस साल जनवरी में बेच दिया। एक व्यक्ति ने इस हुनरबाज की मूल प्रतियां अपने पास रख ली हैं।

ऐसे बने थे रिकॉर्डधारी

राजवंश ने 1 अगस्त, 2003 से 13 नवंबर के बीच गीता महज 169 पृष्ठों में 22 गुणा17 एमएम में लिख डाली। यह इस धार्मिक पुस्तक का सबसे छोटा आकार है। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका का संविधान 2 फरवरी से 23 अप्रैल 2004 के बीच 2 गुणा 1.5 सेमी में लिख डाली। जबकि इंग्लैंड के संविधान को उन्होंने 2 गुणा 2 सेमी में लिखी। महारानी एलिजाबेथ ने 14 फरवरी 2005 को वकिंघम पैलेस से इसे प्रमाणित किया और राजवंश को बधाई भी भेजी। एबी राजवंश के ये रिकॉर्ड 2005 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्‌र्ड्स में दर्ज हैं।

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