उड़ी हमले के तुरंत बाद लिया गया सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला- राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बताया कि पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक के बाद लिया गया था।
इंफाल, प्रेट्र। पिछले साल सितंबर में उड़ी में सेना के शिविर पर आतंकी हमले के तुरंत बाद सीमा पार गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यह रहस्योद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि उड़ी आतंकी हमले में 17 जवानों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आपात बैठक हुई। इसमें उनके अलावा रक्षा मंत्री और शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने का दृढ़ फैसला हुआ। गौरतलब है कि 28 और 29 सितंबर के बीच की रात सेना ने गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों और उनके सहयोगियों को मार गिराया था। उड़ी आतंकी हमले के 11 दिन बाद यह ऑपरेशन चलाया गया था।
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गृह मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये हमने दुनिया को संदेश दिया कि हम कमजोर नहीं बल्कि मजबूत राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आतंकवाद से निपटने को लेकर दृढ़ हैं और सर्जिकल स्ट्राइक इसका सुबूत है। गृह मंत्री ने 2014 में बीएसएफ को दिए अपने संदेश की याद दिलाई। सितंबर 2014 में सीमा पार गोलीबारी में पांच नागरिकों की मौत के बाद उन्होंने बीएसएफ महानिदेशक से कहा था कि पाक की तरफ से एक गोली का जवाब देने में गोलियों की गिनती न की जाए।
सिंह ने यह भी कहा कि मुसलमान समेत पाकिस्तान की आम जनता भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है। लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो आतंक और घृणा फैलाना चाहते हैं। अब पाकिस्तान में आतंकी हमलों पर हम कह सकते हैं कि आतंकी का धर्म या जाति नहीं होती। आतंकी केवल आतंकी होता है।
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