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नक्सली नेताओं को अब नहीं बचा सकती दुनिया की कोई ताकत : राजनाथ सिंह

छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आदिवासी युवाओं की नई बटालियन बस्तरिया को देश को सौंप दिया।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 07:44 PM (IST)
नक्सली नेताओं को अब नहीं बचा सकती दुनिया की कोई ताकत : राजनाथ सिंह
नक्सली नेताओं को अब नहीं बचा सकती दुनिया की कोई ताकत : राजनाथ सिंह

नईदुनिया, अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सली हमलों में शहीद जवानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की। सोमवार को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के ट्रेनिंग कैंप में उन्होंने नवगठित बस्तरिया बटालियन की पासिंग आउट परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नक्सली नेताओं को अब दुनिया की कोई ताकत बचा नहीं सकती।

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उन्होंने कहा कि यदि कोई जवान शहीद होता है तो पैसों से उसकी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन उनके परिवार की जिम्मेदारी का दायित्व सरकार का है, इसलिए सरकार ने तय किया है कि जवान की शहादत पर कम से कम एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में रविवार को नक्सली हमले में सात जवानों के शहीद होने के बाद राजनाथ ने नक्सल अभियान और तेज करने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि माओवादी विकास के सबसे बड़े दुश्मन हैं। दूरस्थ इलाकों का विकास नक्सली नहीं चाहते। माओवादी चाहते हैं कि गांवों में रहने वाली आदिवासी जनता जिंदगी भर गरीबी झेलती रहे।

राजनाथ ने कहा कि माओवादी संगठनों के बड़े नेता बड़े शहरों में आलीशान बंगलों में रहकर सुख सुविधा की जिंदगी जी रहे हैं और उनके बच्चे नामी विश्वविद्यालयों, स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ का जो इलाका बिजली, सड़क जैसी दूसरी सुविधाओं से महरूम है, उसके लिए राज्य सरकार नहीं माओवादी जिम्मेदार हैं। बस्तरिया बटालियन के जवानों की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि इन बेटे- बेटियों ने यह साबित कर दिया है कि योग्यताएं सिर्फ शहरों की अट्टालिकाओं से नहीं, बस्तर जैसे दूरस्थ इलाकों से भी निकलती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और राज्य सरकारों के समन्वय, फोर्स की सक्रियता से नक्सलवाद, आतंकवाद, अलगाववाद से जवानों के शहीद होने की संख्या में 50 से 55 फीसद की कमी आई है। भौगोलिक रूप से भी इनका दायरा कम हो गया है।

जवान बस्तर में शांति के संवाहक बनेंगे: रमन
समारोह में सूबे के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि छतीसगढ़ के विकास में सीआरपीएफ का योगदान व शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बस्तरिया बटालियन के जवान बस्तर में शांति के संवाहक बन विकास में सहभागी बनेंगे।

सीआरपीएफ छग को नक्सलमुक्त करने के लिए प्रतिबद्घ: डीडी
सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल (डीजी) आरआर भटनागर ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ को समारोह में आश्वस्त किया कि सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के लिए प्रतिबद्घ है।

बस्तरिया बटालियन ने ली नक्सलियों को मांद में घेरने की शपथ
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आदिवासी युवाओं की नई बटालियन बस्तरिया को देश को सौंप दिया। इस बटालियन में 534 जवान हैं, जिसमें 189 महिलाएं हैं। पासिंग आउट परेड के बाद इनकी तैनाती नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में की जाएगी। इस बेल्ट के रहस्यमयी जंगल के चप्पे चप्पे से ये जवान वाकिफ हैं। बटालियन के जवानों ने नक्सलियों को मांद में ही घेर कर ढेर करने या हथियार डलवाकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल कराने की प्रतिबद्धता की शपथ ली।


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