पाकिस्तान बार-बार तोड़ रहा संघर्ष विराम, राजनाथ ने दिए बंकर बनाने में तेजी लाने का निर्देश
सीमा पार से फायरिंग के कारण हो रहे जानमाल के नुकसान से बचने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बंकर बनाए जा रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमा पार से भारी गोलाबारी को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा से सटे इलाकों में बंकर बनाने का काम तेज करने का निर्देश दिया है। रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग में कई ग्रामीण और उनके मवेशियों की मौत हो चुकी है। गृहमंत्री ने मवेशियों के मरने पर मिलने वाली मुआवजा राशि को भी बढ़ाने का निर्देश दिया।
दरअसल, इस साल अभी तक पाकिस्तान 1252 बार संघर्ष विराम समझौता का उल्लंघन कर चुका है। सीमा पार से फायरिंग के कारण हो रहे जानमाल के नुकसान से बचने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बंकर बनाए जा रहे हैं। कठुआ, सांबा, जम्मू, रजौरी और पूंछ जिले में 14 हजार बंकर बनाने के लिए गृहमंत्रालय 415 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुका है। राजनाथ सिंह को बताया गया कि इन बंकरों का निर्माण जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने इस पर जल्द-से-जल्द काम शुरू करने को कहा। उनका कहना था कि जानमाल की सुरक्षा को देखते हुए बंकरों के निर्माण में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने गोलीबारी में मवेशियों के मरने पर मिलने वाली मुआवजा राशि को भी बढ़ाने का निर्देश दिया।
बैठक में रमजान के महीने में आतंकियों के खिलाफ एकतरफा आपरेशन रोकने के प्रभाव की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि आपरेशन रोके जाने के बाद आतंकी हमले तो नहीं रुके हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के खिलाफ पत्थरबाजी की घटनाएं में भारी कमी आई है। इससे साफ होता है कि घाटी में आपरेशन रोके जाने का सही पैगाम गया है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि रमजान के पवित्र महीने सिर्फ सुरक्षा बल अपनी ओर ऑपरेशन नहीं करेंगे, लेकिन आतंकी हमलों को पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।
समीक्षा बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने नये सीमा सुरक्षा बल के दो बटालियन को तैयार करने के काम में भी तेजी लाने का निर्देश दिया। जम्मू-कश्मीर की सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे के जवानों को भर्ती कर राज्य पुलिस की विशेष बटालियन बनाने की योजना है। सीमा की भौगोलिक स्थित से अच्छी तरह से वाकिफ ये जवान सीमा की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। गृह मंत्रालय इसके लिए 105 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुका है और अगले साल मार्च तक बटालियन तैयार कर लेने की योजना है।
राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों के पुनर्वास योजना, राज्य के विकास के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के चालू योजनाओं की भी समीक्षा की।