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असम में राजनाथ सिंह ने सीमा के पास 12 सड़कों का किया उद्घाटन, बोले- लंबे समय तक नॉर्थ-ईस्ट का विकास नहीं हुआ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को असम के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सीमा के पास निर्मित 12 सड़कों का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 02:19 PM (IST)
असम में राजनाथ सिंह ने सीमा के पास 12 सड़कों का किया उद्घाटन, बोले- लंबे समय तक नॉर्थ-ईस्ट का विकास नहीं हुआ
असम में राजनाथ सिंह ने सीमा के पास 12 सड़कों का किया उद्घाटन।

नई दिल्ली, जेएनएन। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज असम के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सीमा के पास निर्मित 12 सड़कों का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज बीआरओ द्वारा निर्मित 12 रोड परियोजनाओं को एक साथ राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक नॉर्थ-ईस्ट का विकास नहीं हुआ। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से पूर्वोत्तर का विकास हुआ है उसकी जितनी भी सराहना की जाए काम है। 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस इलाक़े का सामरिक महत्व है। कई देशों के साथ इस इलाक़े की सीमाएं लगती हैं। विकास के साथ साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इन सड़कों से इस इलाक़ों में रहने वाले लोगों को बहुत लाभ होगा। यह हमारी सरकार के 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के अंतर्गत उस बड़े लक्ष्य का हिस्सा हैं, जिसके तहत सरकार सीमाई क्षेत्रों के संपूर्ण विकास पर बहुत अधिक जोर दे रही है। सीमावर्ती राज्यों में बड़ी संख्या में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों और सड़कों के कार्य को पूरा किया गया है।

राजनाथ ने आगे कहा कि पिछले सात सालों के दौरान सड़क परियोजनाओं और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए बीआरओ के बजट में तीन से चार गुना की वृद्धि की गई है। पिछले सात सालों में यहाँ की सुरक्षा की स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। विद्रोह से सम्बंधित घटनाओं में 85 फ़ीसदी, और नागरिकों और सुरक्षा बलों की कैजुएलटी में काफ़ी कमी आयी है।

राजनाथ ने आगे कहा कि आज इस प्रदेश के किसानों की पहुंच देश ही नहीं, विदेशों तक बढ़ी है। आप लोगों को शायद मालूम होगा,कि यहाँ से थोड़ी दूर पर, सुबनसिरी इलाके में एक फल होता है, जिसे 'अंतेरी' कहा जाता है। लोग थोड़ा-बहुत उसे खुद खाते थे, बाकी पशुओं को डाल देते थे। दो दिन पहले ही गलवन घाटी में हुई घटना को एक साल बीते हैं। भारतीय सेना ने अपने शौर्य का पराक्रम का परिचय देते हुए अपना बलिदान दिया है। मैं उनकी वीरता और स्मृति को नमन करता हूं।


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