राजे सरकार ने न्यायाधीशों, नौकरशाहों को जांच से बचाने वाला अध्यादेश लागू
राजस्थान की राजे सरकार ने पूर्व न्यायाधीशों, दंडाधिकारियों और नौकरशाहों को जांच से बचाने वाला अध्यादेश लागू किया है।
जयपुर (पीटीआई)। वसुंधरा राजे सरकार ने राज्य में सेवारत और पूर्व न्यायाधीशों, दंडाधिकारियों और नौकरशाहों को जांच से बचाने वाला अध्यादेश लागू किया है। सरकार की अनुमति लिए बगैर जांच नहीं की जा सकेगी।
सात सितंबर से लागू आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश 2017 के तहत जांच की अनुमति मिलने तक मीडिया को रिपोर्ट प्रसारित, प्रकाशित करने से रोका गया है। अध्यादेश में अधिकारियों को 180 दिनों की प्रतिरक्षा मुहैया कराई गई है।
इसमें कहा गया है, 'कोई दंडाधिकारी किसी न्यायाधीश या दंडाधिकारी या नौकरशाह के खिलाफ जांच का आदेश नहीं दे सकते हैं। इनके खिलाफ जांच भी नहीं की जा सकती है।' समयसीमा में अनुमति देने के बारे में यदि कोई फैसला नहीं लिया जाता है तो उसका मतलब अनुमति दिया गया माना जाएगा।
अध्यादेश में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में संशोधन किया गया है। इसमें नौकरशाह का नाम, पता, फोटो, परिवार का ब्योरा प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उल्लंघन करने पर दो साल जेल की सजा दी जा सकती है।
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