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राजस्थान बोर्ड की गलती से इस लड़की का भविष्य अंधकार में

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राज्य सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने छात्रों को सम्मानित करने के लिए बहुत से आयोजन किए जिसमें छात्रों को नकद पुरस्कार और मेडल दिए गए

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2016 10:12 AM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2016 10:55 AM (IST)
राजस्थान बोर्ड की गलती से इस लड़की का भविष्य अंधकार में

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एक गलती से बारहवीं कक्षा की एक छात्रा को एक लाख रुपये के इनाम से वंचित रहना पड़ा। यही नहीं बारहवीं की छात्रा प्रियंका शर्मा बोर्ड की गलती की वजह से अपने मनचाहे विषय भी नहीं चुन पाई।

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दरअसल प्रियंका शर्मा टोंक जिले के मालपुरा में एक सरकारी स्कूल की छात्रा थी और वो पढ़ाई में हमेशा ही अव्वल रही है। इस बार उसने 12वीं बोर्ड का एक्जाम दिया था और उसने हर विषय में 90 फीसद अंक हासिल किए सिवाय पॉलिटिकल साइंस के। इस विषय में उसको मात्र 27 नंबर मिले। जबकि भूगोल में 99, अंग्रेजी में 95, हिंदी में 97 बस पॉलिटिकल साइंस में उसे 27 नंबर मिले।

प्रियंका ने जह रिजल्ट देखा तो दंग रह गई क्योंकि एक विषय को छोड़ उसके सभी विषयों में 90 फीसद मार्क्स थे। प्रियंका को लगा कहीं ना कहीं गड़बड़ी जरूर हुई है क्योंकि उसने 60 फीसद से कम नंबर कभी भी हासिल नहीं किए। रिजल्ट देखने के तुरंत बाद उसने कॉपी दोबारा चेक कराने के लिए आवेदन कर दिया और जब इसका नतीजा आया तो सब हैरान थे। राज्य की मेरिट लिस्ट में उसे चौथा स्थान मिला।

लेकिन जब तक रिजल्ट आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस दौरान राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राज्य सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने छात्रों को सम्मानित करने के लिए बहुत से आयोजन किए जिसमें छात्रों को नकद पुरस्कार और मेडल दिए गए लेकिन प्रियंका को इन सब से वंचित रहना पड़ा।

राजस्थान बोर्ड की लापरवाही से नाराज प्रियंका शर्मा का कहना है कि अगर उसके नतीजे सही और समय पर आते तो वो अपने मनचाहे विषय से स्नातक में एडमिशन ले सकती थी और उसको पुरस्कार भी मिलते। प्रियंका का कहना है कि इस गलती के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी और उसे अपने मनचाहे विषय से दाखिला और पुरस्कार भी चाहिए।

इस मामले में प्रियंका शर्मा के स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि इस गलती की जिम्मेदारी राजस्थान बोर्ड को लेनी चाहिए। इस दौरान प्रियंका मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरी है।

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