BMC चुनाव के लिए आक्रामक हुए राज ठाकरे
बीएमसी चुनाव में अपना अस्तित्व बचाने के लिए राज ठाकरे पुन: हिंसात्मक राजनीति का सहारा लेना चाहते हैं। ये चुनाव 2017 में होने हैं।
मुंबई, ओम प्रकाश तिवारी। लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में तगड़ी शिकस्त खाने के बाद मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव में अपना अस्तित्व बचाने के लिए राज ठाकरे पुन: हिंसात्मक राजनीति का सहारा लेना चाहते हैं। ये चुनाव 2017 में होने हैं।
राज ठाकरे ने बुधवार शाम अपनी पार्टी के दसवें स्थापना दिवस समारोह में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि वे जहां भी नई नंबर प्लेटवाले ऑटो रिक्शा देखें, सवारी और ऑटोचालक को उतारकर उस ऑटो में आग लगा दें। राज का कहना था कि भाजपानीत नई सरकार ने 70,000 नए ऑटो परमिट जारी किए हैं। इनमें 72 फीसद परमिट गैरमराठी ऑटोचालकों को दिए जा रहे हैं। चूंकि भाजपानीत फड़नवीस सरकार में परिवहन मंत्रलय शिवसेना के पास है, इसलिए राज ठाकरे शिवसेना पर भी जमकर बरसे। उनका कहना था कि शिवसेना को नए परमिट सिर्फ मराठीभाषी युवाओं को देने का प्रावधान करना चाहिए था।
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थापना दिवस समारोह में सामने आए उनके इस पुराने अवतार का कारण 2017 का मुंबई महानगरपालिका चुनाव माना जा रहा है। राज ठाकरे इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में हाशिए पर चल रहे हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में उनके लगभग सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतने वाली उनकी पार्टी को 2014 में एक भी सीट हासिल नहीं हुई। महाराष्ट्र में तभी से राज ठाकरे की राजनीति ठंडी चल रही है। माना जा रहा है कि पुन: हिंसा का सहारा लेकर वह बीएमसी चुनाव से पहले मराठी युवकों का दिल जीतना चाहते हैं।
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