Gujarat Riots: तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्व सहयोगी ने खोली पोल- अहमद पटेल ने गुजरात दंगों पर काम करने के लिए दी थी बड़ी रकम Video
गुजरात दंगे का ठीकरा राज्य सरकार के सिर फोड़ने की साजिश रचने वालों की जांच कर रही एसआइटी के शपथपत्र के बाद भाजपा ने सीधे सोनिया गांधी को कठघरे में खड़ा किया है। तीस्ता सीतलवाड़ के एक पूर्व सहयोगी ने इस मामले में सनसनीखेज जानकारियां दी हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। गुजरात दंगे का ठीकरा राज्य सरकार के सिर फोड़ने की साजिश रचने वालों की जांच कर रही एसआइटी के शपथपत्र के बाद भाजपा ने सीधे सोनिया गांधी को कठघरे में खड़ा किया है। कोर्ट में जमा एसआइटी के शपथपत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के पूर्व नेता अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने मिलकर राजनीतिक मंशा के तहत षड्यंत्र रचा था। इस मामले में अब एक नया मोड़ और आ गया है। तीस्ता सीतलवाड़ के एक पूर्व सहयोगी ने गुजरात दंगों को लेकर अहमद पटेल की ओर से सामाजिक कार्यकर्ता (Teesta Setalvad) को भारी भरकम रकम दिए जाने का खुलासा किया है।
#WATCH | Following 2002 Gujarat riots, when Ahmed Patel first called Teesta over to meet up at Circuit House, I tagged along with her. Ahmed Patel told Teesta that he was familiar with her role in the Babri Masjid riots: Rais Khan Pathan, former aide of activist Teesta Setalvad pic.twitter.com/gl9OgAmly3
— ANI (@ANI) July 16, 2022
अहमद पटेल ने तीस्ता को सौंपी थी जिम्मेदारी
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्व सहयोगी रईस खान पठान ने कहा कि साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद जब अहमद पटेल ने पहली बार तीस्ता सीतलवाड़ को सर्किट हाउस में मिलने के लिए बुलाया तो मैं भी उनके साथ गया था। मेरे सामने की घटना है... अहमद पटेल ने तीस्ता से कहा था कि हम बाबरी मस्जिद दंगों में आपकी भूमिका से परिचित हैं। लेकिन वह बात अलग थी गुजरात में हुई घटना अलग है। तब हम सत्ता में थे लेकिन अब नहीं हैं। हम चाहते हैं कि आप (Teesta Setalvad) गुजरात दंगों पर काम करें।
तीस्ता को दिए गए थे 30 लाख रुपये
रईस खान पठान ने आगे बताया कि तीस्ता ने अहमद पटेल से कहा था कि उनके पास इस काम को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। इस पर पटेल ने तीस्ता को अपनी पार्टी और देश-विदेश की एजेंसियों से फंड मिलने का भरोसा दिया था। शुरू में तीस्ता को 5 लाख रुपये की राशि दी गई। बाद में 25 लाख रुपये की राशि तीस्ता को सौंपी। रईस खान पठान ने कहा कि अब इस मामले में एसआइटी जांच कर रही है। जांच का जो भी निष्कर्ष निकले लेकिन मौजूदा वक्त में चर्चा 30 लाख रुपए देने को लेकर हो रही है।
सोनिया के सलाहकार थे पटेल
भाजपा का कहना है कि उस वक्त अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे। अहमद सोनिया के इशारे पर काम कर रहे थे। तीस्ता भी सोनिया की मोहरा थीं। लिहाजा अब सोनिया को ही सामने आकर बताना होगा कि उन्होंने गुजरात और नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र क्यों रचा था।
सामने आए थे कई नाम
कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री को पूरी तरह बरी करते हुए कहा था कि राजनीतिक मंशा के तहत कुछ लोगों ने इसे सुलगाए रखा। कोर्ट ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की भी बात कही थी। कोर्ट ने एक्टविस्ट तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और आइपीएस संजीव भट्ट का नाम भी लिया था। लेकिन एसआइटी की जांच में चौंकाने वाली बात यह समाने आई कि ये सभी कांग्रेस के पूर्व नेता अहमद पटेल के इशारे पर काम कर रहे थे।
अहमद पटेल तो केवल माध्यम थे
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अहमद पटेल को बरी करते हुए कहा कि वह तो सिर्फ माध्यम थे। अहमद तो सोनिया के राजनीतिक सलाहकार थे बाकी सब कुछ सोनिया गांधी के इशारे पर हो रहा था। संबित ने कहा कि अहमद पटेल अब दुनिया में नहीं रहे। भाजपा को उनसे या उनके परिवार से कोई सवाल नहीं पूछना है। असली चाबी सोनिया गांधी के हाथ में थी। जो 30 लाख रुपये तीस्ता सीतलवाड़ को दिए गए वह हाथ अहमद पटेल का हो सकता है लेकिन तिजोरी सोनिया गांधी की थी।
सोनिया गांधी से पूछा सवाल
तीखा करते हुए संबित ने कहा कि अगर ऐसा नहीं था तो षड्यंत्रकारी तीस्ता को संप्रग काल में पद्मश्री से किस सेवा के लिए नवाजा गया। इतना ही नहीं तीस्ता, सोनिया गांधी की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) में भी थीं जिसकी हैसियत सरकार में सबसे ऊपर थी। इस मसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान को खारिज करते हुए संबित ने कहा कि यह बहुत बड़ा मामला है। सोनिया गांधी को खुद सामने आकर बताना होगा कि उन्होंने गुजरात और नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने का काम क्यों किया।
दिल्ली में हुई थी बैठक
गौरतलब है कि शुक्रवार को कोर्ट में पेश एसआइटी के शपथपत्र में बताया गया था कि सीतलवाड़ को पहली बार अहमद पटेल ने पांच लाख रुपये दिए थे और बाद में दिल्ली में गुपचुप तरीके से एक बैठक हुई थी जिसमें 25 लाख दिए गए। इस बैठक में श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ साथ कुछ अन्य राजनीतिक व्यक्ति भी थे।
राज्यसभा की सीट चाह रही थीं तीस्ता
इसी शपथपत्र में यह भी कहा गया कि तीस्ता खुद के लिए राज्यसभा सीट भी चाहती थीं। तीस्ता ने कांग्रेस नेताओं से एतराज जताते हुए कहा था कि दोनों मियां-बीबी (जावेद अख्तर और शबाना आजमी) को क्यों, मुझे क्यों नहीं। संबित ने कहा, अच्छा हुआ कि भाजपा की सरकार आ गई वरना क्या पता वे (तीस्ता) केंद्रीय गृहमंत्री भी बन सकती थीं।