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कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम में रायपुर एम्स ने की मिसाल कायम, खतरा अभी टला नहीं

कोरोना के जो मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं उन्हें 14 से 28 दिनों तक स्थिति को देखते हुए आइसोलेशन में रहने की जरूरत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 05:30 PM (IST)
कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम में रायपुर एम्स ने की मिसाल कायम, खतरा अभी टला नहीं
कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम में रायपुर एम्स ने की मिसाल कायम, खतरा अभी टला नहीं

रायपुर, राज्य ब्यूरो। कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम में रायपुर एम्स ने मिसाल कायम की है। राज्य में मिले दस में नौ मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर कहते हैं कि खतरा अभी टला नहीं है। एहतियात और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से करना है। अभी गंभीर संक्रमण के मामले और मरीज आ सकते हैं।

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कोरोना से बचाव के लिए एम्स ने ईजाद किया नया फार्मूला

दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने एम्स रायपुर के डॉ. नागरकर से बातचीत की। कोरोना पॉजिटिव के मरीजों के सफल इलाज में एम्स ने क्या रणनीति अपनाई, इस पर भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को कोरोना से बचाने के लिए एम्स ने नया फार्मूला निकाला।

मेडिकल टीम को सात दिन की ड्यूटी के बाद उन्हें 21 दिन क्वारंटाइन किया जाता है

डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की एक टीम को सिर्फ सात दिन ड्यूटी पर रखा जाता है। उसके बाद उन्हें 21 दिन क्वारंटाइन किया जाता है। सात दिन के बाद डॉक्टरों की नई टीम आकर इलाज करती है। एक टीम में डॉक्टर नर्स और पैरामेडिकल के 30 से ज्यादा लोग होते हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना के इलाज के लिए दवा से लेकर कामकाज के तरीके का प्रेजेंटेशन अब सार्क देशों के वेबीनार में करने की तैयारी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र की गाइड लाइन पर काम करने से कामयाबी मिली

उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना संक्रमण बिल्कुल नया है, इसलिए इस बीमारी के इलाज का चिकित्सकों के पास अनुभव नहीं था। फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार की गाइड लाइन पर काम करने से कामयाबी मिली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यदि कोरोना के केस आते हैं तो लगभग 80 फीसद केस का इलाज सामान्य तरीके से किया जा सकेगा, जबकि 20 फीसद ऐसे केस हो सकते हैं, जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। स्थिति थोड़ी क्रिटिकल होगी। इसके लिए सिर्फ एम्स को नहीं, अन्य अस्पतालों को भी तैयार रहना चाहिए।

जो स्वस्थ हुए, वे भी करें आइसोलेशन का पालन

डॉ. नागरकर ने कहा कि कोरोना के जो मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं, खाने-पीने से लेकर उनकी दिनचर्चा तो सामान्य है, लेकिन सावधानी अभी भी जरूरी है। डिस्चार्ज हुए लोगों को 14 से 28 दिनों तक स्थिति को देखते हुए आइसोलेशन में रहने की जरूरत है। उन्हें इसका पूरा ध्यान रखना है, ताकि उनके साथ ही परिवारीजन और समाज भी सुरक्षित रहे।


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