लौटने लगे प्रवासी कामगार, इन ट्रेनों में बुकिंग 100% से ज्यादा, जल्द विशेष ट्रेनों की घोषणा
उत्तर प्रदेश बिहार व बंगाल से दिल्ली मुंबई अहमदाबाद व बेंगलुरु जैसे महानगरों की ओर जाने वाले ट्रेनों में चार दिनों के लिए टिकट की बुकिंग 100 फीसद से भी ज्यादा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद व बेंगलुरु जैसे महानगरों की ओर जाने वाले ट्रेनों में अगर आप यात्रा के इच्छुक हैं तो निराशा हाथ लग सकती है। इन ट्रेनों में अगले चार दिनों के लिए टिकट की बुकिंग 100 फीसद से भी ज्यादा है। इसका मतलब है कि इन प्रदेशों के प्रवासी कामगारों की काम पर लौटने की रफ्तार तेज हो गई है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने शुक्रवार को ऑनलाइन प्रेसवार्ता में कहा, 'एक जून से चलाई गईं ट्रेनों के जरिये प्रवासी कामगार अपने काम पर लौटने लगे हैं।' रेलवे ने एक जून से 100 जोड़ी मेल व एक्सप्रेस तथा 15 जोड़ी विशेष राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू किया है।
यादव ने कहा, 'यह उत्साहित करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से दिल्ली, मुंबई व गुजरात जाने वाली ट्रेनों के लिए टिकट बुकिंग में लगातार इजाफा हो रहा है। यह संकेत है कि देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। हम राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं और आने वाले दिनों में बुकिंग के आधार पर विशेष ट्रेनों का एलान करेंगे।'
रेलवे की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, बिहार के मुजफ्फरपुर से बांद्रा जाने वाली ट्रेन में अगले चार दिनों के लिए 115 फीसद टिकट बुक हो चुके हैं, जबकि दानापुर से सिकंदराबाद जाने वाली विशेष ट्रेन में 121 फीसद व मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद विशेष ट्रेन में बुकिंग की स्थिति 127 फीसद है।
इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से मुंबई जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस में 30 जून तक 100 फीसद सीटें बुक हो चुकी हैं, बांद्रा जाने वाली अवध एक्सप्रेस में 121 फीसद व गोरखपुर से अहमदाबाद जाने वाली विशेष ट्रेन में भी 121 फीसद टिकटों की बुकिंग हो चुकी है। बंगाल के हावड़ा से दिल्ली, अहमदाबाद, जोधपुर व सिकंदराबाद जाने वाली सभी ट्रेनें भी फुल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाना पड़ा था। एक मई से चलाई गईं 4,594 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 81 फीसद के गंतव्य उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल ही रहे थे।