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दलालों की धरपकड़ के लिए रेलवे ने छेड़ा देशव्यापी अभियान

इन कर्मचारियों को आरक्षण पर्चियों में दर्ज किए गए ब्यौरे, खासकर पतों की पूरी पड़ताल करने को कहा गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 06:37 AM (IST)
दलालों की धरपकड़ के लिए रेलवे ने छेड़ा देशव्यापी अभियान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले एक पखवाड़े तक संपूर्ण रेलवे में टिकट चेकिंग का व्यापक अभियान चलेगा। इसमें खास तौर पर रेलवे आरक्षण केंद्रों और टिकट खिड़कियों पर दलालों तथा असामाजिक तत्वों की गतिविधियों की पड़ताल कर उनकी धरपकड़ की जाएगी।

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इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोनों के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को निर्देश जारी किए गए हैं।

आगामी 5 मई तक चलने वाले टिकट चेकिंग अभियान के तहत आरक्षण केंद्रों के बाहर और टिकट खिड़कियों के नजदीक सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े ग्यारह बजे के बीच रेलवे कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इनका काम कतार में लगे लोगों की भरी हुई आरक्षण पर्चियों की जांच कर उन पर अपने हस्ताक्षर (काउंटर साइन) करना होगा। इन कर्मचारियों को आरक्षण पर्चियों में दर्ज किए गए ब्यौरे, खासकर पतों की पूरी पड़ताल करने को कहा गया है। इसके बाद ही कर्मचारी रिजर्वेशन क्लर्क को पर्ची सौंपेगे।

यह व्यवस्था रविवार और छुट्टियों के दौरान भी लागू रहेगी। इस दौरान वाणिज्यिक और सतर्कता विभाग के इंस्पेक्टर तथा आरपीएफ और पुलिस के सिपाही दलालों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा कमर्शियल अफसरों के दस्ते औचक छापेमारी के जरिए दलालों तथा आरक्षण प्रणाली के साथ छेड़छाड़ व फर्जीवाड़ा करने वाले रेलवे कर्मचारियों को पकड़ेंगे।

मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों तथा वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधकों पर इसके लिए कर्मचारियों की पर्याप्त व्यवस्था करने की जिम्मेदारी डाली गई है। गर्मियों की भीड़ को देखते हुए उनसे पर्याप्त संख्या में आरक्षण पर्चियां उपलब्ध कराने तथा जरूरत होने पर अतिरिक्त टिकट काउंटर खोलने को कहा गया है।

स्पेशल ट्रेने व अतिरिक्त बोगियां 

इसके अलावा गर्मियों की भीड़ से निपटने के लिए स्टेशनों और ट्रेनों में विशेष उपाय करने के निर्देश भी प्रिंसिपल सीसीएम को दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि स्टेशनों पर उद्घोषणा प्रणाली के जरिए यात्रियों को ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियां लगाए जाने तथा स्पेशल ट्रेनों चलाए जाने में बाबत बार-बार सूचना दी जाए। क्योंकि पाया गया है कि सूचना के अभाव में अक्सर स्पेशल ट्रेने खाली चलती हैं। जबकि नियमित ट्रेनों में सांस लेना मुश्किल होता है। यह बात भी देखने में आई है कि स्पेशल ट्रेनो, उनके समय, स्टॉपेज तथा ट्रेनों में अतिरिक्त बोगिया लगाए जाने के बारे में पीआरएस प्रणाली में देर से सूचना डाली जाती है।

इसी तरह समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित होने में भी विलंब होता है। सीसीएम से कहा गया है कि इस बार सुनिश्चित करें कि ऐसा न हो। स्टेशनों को स्वच्छ रखने, पीने के पानी, विकलांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में व्हील चेयर की व्यवस्था करने तथा कुलियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के निर्देश भी प्रिंसिपल सीसीएम को दिए गए हैं।


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