रेलवे वर्कर्स यूनियन ने की लोको पायलट के काम के घंटे कम करने की मांग
पत्र में कहा गया है कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अत्यधिक काम और कार्रवाई के डर के चलते रनिंग स्टाफ घबराई हुई स्थिति में काम कर रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रेलवे वर्कर्स यूनियन ने लोको पायलट का तनाव कम करने के लिए उन्हें ज्यादा आराम देने की वकालत की है। साथ ही काम के घंटे कम करने की मांग भी की है। यूनियन का दावा है कि कई पद खाली रहने के चलते लोको पायलट को निर्धारित समय से अधिक काम करना पड़ता है जिसके चलते वे अत्यधिक तनाव में रहते हैं।
नेशनल फेडरेशन इंडियन रेलवेमेन (एनएफआइआर) ने सोमवार को रेलवे बोर्ड को लिखे पत्र में कहा है कि अकेले सेंट्रल जोन में ही मोटरमेन (सबअर्बन लोको पायलट) के 229 पद खाली पड़े हैं। इतने ही पद पश्चिम रेलवे और कोलकाता मेट्रो में भी खाली हैं।
कर्मचारियों की कमी के चलते रेलवे के लोको रनिंग स्टाफ (लोको पायलट, मोटरमेन और सहायक लोको पायलट) को निर्धारित समय से अधिक काम करना पड़ता है।
पत्र में कहा गया है कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अत्यधिक काम और कार्रवाई के डर के चलते रनिंग स्टाफ घबराई हुई स्थिति में काम कर रहा है। पत्र में मांग की गई है कि किसी भी श्रेणी के रनिंग स्टाफ को 24 घंटे से कम का आराम नहीं दिया जाए। साथ ही उनके काम के घंटे भी कम किए जाएं।