Indian Railway: जानिए- फ्लेक्सी फेयर को क्यों नहीं बंद करना चाहता रेलवे, रेल मंत्री ने दिया बड़ा बयान
Indian Railway लोकसभा में गोयल ने कहा कि रेलवे द्वारा संचालित 13452 ट्रेनों में से केवल 141 राजधानी शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों के लिए ही फ्लेक्सी किरायों का प्रावधान है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों के फ्लेक्सी किरायों को समाप्त करने की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जून, 2019 तक इस स्कीम की बदौलत रेलवे को 2426 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो चुकी थी।
लोकसभा में बढ़ते रेल किरायों पर पूछे गए सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि रेलवे द्वारा संचालित 13,452 ट्रेनों में से केवल 141 राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों के लिए ही फ्लेक्सी किरायों का प्रावधान है। इनमें से भी महज 32 ट्रेनों में ही इसे वास्तव में लागू किया गया है। इन ट्रेनों के लिए फ्लेक्सी किराया स्कीम को सितंबर, 2016 में शुरू किया गया था। तब से इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए फिलहाल इस स्कीम को खत्म करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
रेल किरायों की तुलना हवाई किरायों से करने पर गोयल ने कहा कि रेलवे और एयरलाइन यातायात के दो अलग-अलग माध्यम हैं। आकार, संपर्क क्षमता तथा सुविधा के लिहाज से इनके बीच तुलना नहीं की जा सकती। हवाई किरायों की कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं है। जबकि रेलवे ने पूरे वर्ष के लिए न्यूनतम किराये निर्धारित कर रखे हैं।
रेलवे के किराये श्रेणी तथा सुस्त या व्यस्त मौसम के अनुसार हवाई किरायों से कम या ज्यादा हो सकते हैं। ऐसे में ये ग्राहकों पर निर्भर है कि वे अपनी जरूरत और सुविधा के हिसाब से रेलवे को चुनते हैं या एयरलाइन को। गोयल के मुताबिक वर्ष 2015-16 में फ्लेक्सी किराये वाले मार्गो समेत सभी प्रकार के मार्गो में आरक्षित श्रेणियों में क्षमता से अधिक सीटें भरी रहती थीं, लेकिन फ्लेक्सी किराया लागू होने के बाद 2017-18 में इसमें और बढ़ोतरी हो गई।
सभी ब्राड गेज रेल मार्गो का होगा विद्युतीकरण
गोयल के मुताबिक रेलवे सभी ब्राड गेज रेल मार्गो का विद्युतीकरण कर रही है। रेल मंत्री ने लोकसभा में बताया कि रेलवे पूरे देश की बिजली का 1.27 फीसद (20.44 अरब यूनिट) का उपयोग करती है जबकि तीन फीसद (31. अरब लीटर) हाई स्पीड डीजल का प्रयोग करती है।