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आदर्श ट्रेन को 7 महीने में भूला रेलवे, यात्री सुविधाएं नहीं हुई बेहतर

ट्रेन में लेमन टी, वाटर वेंडिंग मशीनें, पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम, लो शुगर टी समेत कई अतिरिक्त सुविधाएं दी हैं, जो दूसरी एक्सप्रेस ट्रेनों में नहीं मिलती है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 09:34 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 07:54 AM (IST)
आदर्श ट्रेन को 7 महीने में भूला रेलवे, यात्री सुविधाएं नहीं हुई बेहतर
आदर्श ट्रेन को 7 महीने में भूला रेलवे, यात्री सुविधाएं नहीं हुई बेहतर

भोपाल (नईदुनिया)। रेलवे बोर्ड ने सात महीने पहले भोपाल एक्सप्रेस को आदर्श ट्रेन (एक्सप्रेस ट्रेन की श्रेणी में) माना था और अब बोर्ड इस आदर्श ट्रेन को ही भूल गया है। घोषणा के बाद इस ट्रेन को बोर्ड ने अब तक न तो एलएचबी रैक (जर्मन कंपनी के सहयोग से तैयार लिंक हॉफमैन बुश रैक) दिए हैं न ट्रेन में यात्री सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए 60 लाख रुपए दिए। जबकि इसी ट्रेन को आधार मानकर रेलवे ने प्रत्येक मंडल की दो-दो ट्रेनों में यात्री सुविधाएं बढ़ाने 60-60 लाख रुपए दिए हैं। यह राशि ट्रेनों को उत्कृष्ट ट्रेन बनाने के नाम पर दी गई है। शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस हबीबगंज से हजरत निजामुद्दीन के बीच चलती है।

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ट्रेन में लेमन टी, वाटर वेंडिंग मशीनें, पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम, लो शुगर टी समेत कई अतिरिक्त सुविधाएं दी हैं, जो दूसरी एक्सप्रेस ट्रेनों में नहीं मिलती है। रेलवे ने इसके लिए भोपाल रेल मंडल को अलग से फंडिंग भी नहीं की थी, इसके बाद भी ये सुविधाएं रेल यात्रियों को दी जा रही हैं। इसी के आधार पर रेलवे ने 8 नवंबर 2017 को जारी एक पत्र में इस ट्रेन को एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों में आदर्श माना था।

साथ ही प्रत्येक मंडल को पत्र भी लिखे थे, जिसमें भोपाल एक्सप्रेस को आदर्श बताते हुए ट्रेन में दी जा रहीं यात्री सुविधाओं से सीख लेकर प्रत्येक मंडल की दो-दो ट्रेनों में यात्री सुविधा देने के निर्देश दिए थे। 20 नवंबर 2017 तक मंडलों को ऐसी ट्रेनें चिन्हित कर बोर्ड को सूची भेजने के निर्देश भी दिए थे। इसके बाद ही रेलवे बोर्ड ने इन ट्रेनों में यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए 60-60 लाख रुपए दिए हैं। लेकिन यह राशि भोपाल मंडल को नहीं मिली। न ही मंडल की किसी अन्य ट्रेन के लिए दी गई।  

इतना ही नहीं भोपाल दौरे पर आए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने भी ट्रेन में दी जा रही सुविधाओं की तारीफ थी। उन्होंने ट्रेन के लिए अप्रैल 2018 तक एलएचबी रैक देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक एलएचबी रैक नहीं मिले। वह जब भी सीआरबी ट्रेन से भोपाल दौरे पर आते हैं तो वे भोपाल एक्सप्रेस को ही चुनते हैं। चेयरमैन बनने के बाद वे कई बार इस ट्रेन से सफर कर चुके हैं।

 रैक देने में देरी हुई
भोपाल एक्सप्रेस को एलएचबी रैक देने में देरी हुई है। उक्त ट्रेन में यात्री सुविधा के लिए राशि में कमी नहीं आने देंगे। भोपाल मंडल की दूसरी ट्रेनों में भी यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए राशि दी जाएगी।

-आरडी बाजपेयी, डीआईपी रेलवे बोर्ड


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