Move to Jagran APP

घूसकांड के नए चक्रव्यूह में यूपीए सरकार

संप्रग सरकार संकट के नए चक्रव्यूह में फंस गई है। रेलवे बोर्ड सदस्य के प्रमोशन के लिए भांजे के रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने पर रेलमंत्री पवन कुमार बंसल चाहे जो सफाई दें, लेकिन उनके दामन पर दाग लग गया है। साथ ही संप्रग सरकार के घोटालों की फेहरिस्त और लंबी हो गई है।

By Edited By: Published: Sun, 05 May 2013 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2013 11:52 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग सरकार संकट के नए चक्रव्यूह में फंस गई है। रेलवे बोर्ड सदस्य के प्रमोशन के लिए भांजे के रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने पर रेलमंत्री पवन कुमार बंसल चाहे जो सफाई दें, लेकिन उनके दामन पर दाग लग गया है। साथ ही संप्रग सरकार के घोटालों की फेहरिस्त और लंबी हो गई है। विपक्ष को भी सरकार के खिलाफ नया बारूद मिल गया है। संसद का बजट सत्र चालू है और विपक्ष के तेवरों से साफ है कि वह सरकार को घेरने में कोई कोताही नहीं बरतेगा। दूसरी ओर सीबीआइ, जिसकी प्रतिष्ठा कोयला घोटाले की जांच में भूमिका को लेकर दांव पर है, इस केस का सच उजागर करने में कोई कोर-कसर शायद ही छोड़े।

loksabha election banner

शनिवार को सीबीआइ ने महेश कुमार को मुंबई, जबकि सिंगला, संदीप गोयल व मंजूनाथ को दिल्ली की अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया। वहीं रेलमंत्री पवन बंसल ने बयान जारी कर खुद को बेकसूर बताया। उनका कहना है कि सिंगला उनका भांजा जरूर है, मगर उसके साथ उनका किसी तरह का कारोबारी संबंध नहीं है। उन्होंने यह दावा भी किया कि रेलमंत्री के रूप में उनके कामकाज में किसी का कोई दखल नहीं है।

बंसल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर सफाई दी। इस बीच, विपक्ष ने अपनी आस्तीन चढ़ा ली हैं। भाजपा ने बंसल से इस्तीफे की मांग करते हुए इस प्रकरण को संप्रग सरकार के घोटालों की श्रृंखला की एक और कड़ी बताया है और सोमवार को संसद में इस 'रेल गेट' पर सरकार को घेरने के संकेत दे दिए हैं। ऐसे में 2जी और कोलगेट में पहले से घिरी सरकार के लिए संसद में अपना बचाव मुश्किल होगा।

बता दें कि शुक्रवार को सीबीआइ ने चंडीगढ़, मुंबई और दिल्ली में एक साथ छापे डाले थे। चंडीगढ़ में सीबीआइ ने पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला, दलाल संदीप गोयल और ठेकेदार मंजूनाथ को 90 लाख रुपये की रिश्वत लेते-देते गिरफ्तार किया था। सिंगला को देने के लिए यह रकम मंजूनाथ के जरिये संदीप गोयल को रेलवे बोर्ड में हाल में मेंबर स्टाफ बनाए गए महेश कुमार ने पहुंचाई थी। लिहाजा महेश कुमार को भी बाद में सीबीआइ ने मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया। महेश कुमार दिल्ली में सौदा पक्का करने के बाद मुंबई लौटे थे, जहां वह पश्चिम रेलवे में जनरल मैनेजर के तौर पर भी तैनात थे। रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ बनने के साथ ही उनके पास दोहरी जिम्मेदारियां आ गई थीं।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.